~ अगले यूनिकॉर्न बनने के लिए स्टार्टअप को बेहतर बनाने का लक्ष्य ~
मुंबई : भारत के अग्रणी इंटिग्रेटेड इनक्यूबेटर वेंचर कैटेलिस्ट्स (वीकैट्स) के 300 करोड़ रुपए के सेक्टर-एग्नोस्टिक फंड ‘9यूनिकॉर्न्स’ ने 2020 में अपने पहले ही वर्ष में 32 स्टार्ट-अप में निवेश किया है। सैकड़ों स्टार्ट-अप के आइडिया हर महीने 9यूनिकॉर्न्स के सामने आए और उसकी सख्त चयन प्रक्रिया मापदंडों के चलते कुछ प्रतिभाशाली विचारों को चुना गया। यह प्रक्रिया फंड बनाने में कैटेगरी लीडर्स की मदद करती है और अगले यूनिकॉर्न बनने के लिए इन स्टार्ट-अप को बेहतर बनाती है। यह भारतीय बाजार में वाय कॉम्बिनेटर के समान भूमिका निभा रहा है।
इसके कुछ निवेशकों – टॉक, जननी एआई, और क्यूआईएन1 ने निवेश के पहले छह महीने के भीतर अगले हाय वैल्यूएशन की तैयारी कर ली है। इसने अब तक डीपटेक, बी2बी सास, मीडिया, एफएमसीजी, फिनटेक, इंश्योरटेक, हेल्थटेक और एडटेक सेक्टर में निवेश किया है। एक एक्सीलरेटर के रूप में 9यूनिकॉर्न्स आइडिया-स्टेज पर प्रति स्टार्ट-अप 5%-7% इक्विटी के लिए एक लाख अमेरिकी डॉलर तक निवेश करता है। दिसंबर-2020 तक, इसने सिकोइया सर्ज, टाइटन कैपिटल, एसओएसवी, लाइटस्पीड, मैट्रिक्स पार्टनर्स और नेक्सस वेंचर्स जैसे सह-निवेशकों के साथ सिंडिकेशन के माध्यम से 240 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
9 यूनिकॉर्न्स के पार्टनर अभिजीत पई ने कहा, ‘9यूनिकॉर्न्स में हम आइडिया/ प्रारंभिक चरण में टेक्टोनिक शिफ्ट लाने का प्रयास करते हैं और लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएशन और बदलाव को प्रदर्शित करने की उम्मीद करते हैं। हमारा मानना है कि भारत वर्षों में कई वेल्थ क्रिएटर्स को आगे लाएगा और यह भरोसा दिलाएगा कि ये न केवल दुनिया के स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरते हैं बल्कि पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है।’
9 यूनिकॉर्न के संस्थापक डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, ‘सिलिकन वैली में इनोवेशन और स्टार्ट-अप्स तब मेनस्ट्रीम हो गए जब पहली पीढ़ी के स्टार्ट-अप्स- इंटेल, एपल, और माइक्रोसॉफ्ट के शुरुआती कर्मचारी दूसरी और तीसरी जनरेशन के उद्यमी बन गए। हमारे यहां भी फ्लिपकार्ट को पहली पीढ़ी के स्टार्ट-अप के तौर पर देखने के बाद हम भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में विस्फोटक वृद्धि देख रहे हैं। हमारे पास टॉप-नॉच ग्रिट, जुनून, प्रतिभा और महत्वाकांक्षा वाले उद्यमियों की कोई कमी नहीं है। 9यूनिकॉर्न्स में हम दृढ़ता से मानते हैं कि भारत एयरबीएनबी आईपीओ-जैसी बड़े पैमाने पर तरलता की घटनाओं का गवाह बनेगा और इस वजह से हम शुरुआत से ही उद्यमियों को सपोर्ट करना चाहते हैं। भारत में निचले स्तर से शुरू होकर हम भारत के अपने वायकॉम्बिनेटर बनना चाहते हैं।’