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वृद्धजनों की सहायता के लिए डॉ. बत्रा’ज फाउंडेशन की पहल

12वें ‘यादों की बहार सिंगिंग कॉन्सर्ट का आयोजन किया

मुंबई : भारत में पांच हजार से भी ज्यादा वृद्धाश्रम हैं, लेकिन ज्यादातर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। देश में आज भी 1.8 करोड़ वृद्धजनों के पास घर नहीं है। वृद्धजनों की देखभाल में इतनी बड़ी खाई को कम करने के प्रयास में डॉ. बत्रा’ज फाउंडेशन द्वारा 12वें ‘यादों की बहार’ सिंगिंग कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया। पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा ने ‘द शेफर्ड विडोज़ होम’ की बुजुर्ग विधवाओं को मदद देने के लिए यह कदम उठाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री किरण वी शांताराम उपस्थित थे।

पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा ने अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल बुजुर्गों की मदद के लिए किया। उन्होंने औरों को भी अपनी प्रतिभा से अन्य बुजुर्गों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया। बुजुर्ग महिलाओं की सेहत तथा उनकी बेहतरी के लिए 30 वर्षों के संकल्प के साथ डॉ बत्रा’ज फाउंडेशन ने इस महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व किया। वे ना केवल इस कॉन्सर्ट के जरिए, बल्कि मुफ्त चिकित्सा सेवा के माध्यम से भी मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं।

‘यादों की बहार’ के 12वें संस्करण का आयोजन मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित वाईबी चव्हाण ऑडिटोरियम में किया गया। इस कॉन्सर्ट में पुराने गानों का मिला-जुला रूप देखने को मिला, जिसमें पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा ने परफॉर्म किया। डॉ.मुकेश बत्रा डॉ बत्रा’ज ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन और फाउंडर भी हैं।

इस पहल के बारे में, पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा, चेयरमैन एवं फाउंडर, डॉ बत्रा’ज ग्रुप ऑफ कंपनीज ने कहा, “मैं इसका पक्का समर्थक हूं के हमारे घरों की आत्मीयता में बुजुर्गों का एकीकरण, और दादा-दादी को गोद लेना एक ऐसी अवधारणा है जिसका समय वास्तव में आ गया हैI मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है कि हम अपने देश के बुजुर्गों की भलाई के लिए कई सारे वृद्धाश्रमों को मदद दे पा रहे हैं। आइए, सब साथ मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जहां संवेदनाओं की कोई सीमा ना हो।“

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