प्रशासन को संकट में डालने की कोशिश की जांच सुनते पसीने छूटने लगे तमाशबीनों के
रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मीरजापुर, (उ0प्र0) : सड़क चौड़ीकरण में मकान के मुआवजे के लिए जिला कचहरी में शुक्रवार को जो नाटक हुआ, उसकी गहराई से जांच की मांग तेज होती जा रही है, क्योंकि पति-पत्नी के बीच अनबन को लेकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश तो की ही गई। गनीमत यही रहा कि हादसा अप्रिय नहीं हो सका। अप्रिय कथा के मामले में मुआवजे के लिए एक महिला के फांसी लगाने के ड्रामे के पीछे कतिपय स्टोरी-लेखकों का नाम आ रहा है । इस बीच कचहरी के सीसी टीवी फुटेज निकलवा कर मामले की जांच का जब मामला उठा तो बहुतों को जाड़े के दिनों में पसीना आ रहा है।
पति-पत्नी विवाद : लालगंज के नदिनी गांव में पति-पत्नी के बीच सड़क चौड़ीकरण में ध्वस्त हुए मकान के लगभग साढ़े 6 लाख के मुआवजे को लेकर विवाद है। जमीन का पैसा तो किसी गैर को इसलिए मिल गया क्योंकि जमीन पर नाम पति-पत्नी का नहीं था। इसलिए इस पर कोई विवाद नहीं हुआ। जब मकान के मुआवजे की बारी आई तब पति बोलता है कि उसने मकान बनवाया, पूरा पैसा उसे मिलना चाहिए जबकि पत्नी भी इसी तरह खुद को पूरे पैसे की दावेदार बता रही है।
विवाद कहां से शूरू हुआ? : विवाद का प्रकरण मकान के सर्वे से है। सर्वेयर ने पहले पति को मालिक बनाया फिर कुछ दिनों बाद पत्नी को मालिक बना दिया। जबकि तहसीलदार ने पति-पत्नी दोनों को संयुक्त मालिक बनाया है।
कभी कुछ तो कभी कुछ ने विवाद को चौड़ा किया : प्रथम दृष्टया प्रतीत तो यही हो रहा कि दो अलग अलग विभागों के ‘अपनी ढपली अपना राग’ ने आग दी, जबकि कचहरीमें हुई नौटँकी की जांच जिलाधिकारी ने बैठा दी है। जांचोपरांत दूध और पानी अलग-अलग हो जाएगा।
आग भड़काते लोग : ‘सुर्खियां बटोर कर आग लगाना और फिर रोटी सेंकना’ यह प्रोग्रामिंग लांच करते कुछ लोग सीसी टीवी में कैद हो गए है। जब कचहरी को श्मशान बनाने के षड्यंत्र का हो-हल्ला मचा तब और सीसीटीवी के फुटेज निकालने का आदेश दिया गया। इस आदेश से कैमरे में कैद पसीने से तर-बतर हो गए। ‘हुजूर, हम्अअअ नहीं थे, हम तो सेवक है, कहते दौड़ने लगे ।’ अच्छी बात यह है कि पति-पत्नी में से किसी को पैसा अभी नहीं दिया गया है। खूब गहराई से जांच के बाद ही पैसा दिया जाना न्यायसंगत होगा।