मुंबई : डॉ. नीलम साठे एक प्रसिद्ध कान, नाक और गले की विशेषज्ञ हैं और वह वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल में कार्यरत हैं। डॉ साठे ने हाल ही में एक सर्जरी की। इस बेहद चुनौतीपूर्ण सर्जरी में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा। इस सर्जरी से डॉ. साठे की सटीकता और कुशलता एक बार फिर देखने को मिली। 50 साल की नर्स अनीता जो पिछले 5 साल से घेंघा रोग से पीड़ित थीं। उनकी गर्दन भी सूज गई थी, जिससे उनकी तकलीफ बढ़ गई थी।
लेटने के बाद अंकिता को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें निगलने में दिक्कत हो रही थी और पिछले 3-4 महीने से उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उनके गले में कुछ फंस गया है। अंकिता की परेशानी का निदान करने के लिए विभिन्न परीक्षण और जांच की गईं। थायरॉइड परीक्षण (टी3, टी4, टीएसएच) में शुरू में कोई असामान्यता नहीं पाई. अंकिता की गर्दन और छाती के सीटी स्कैन से सूजन की गंभीरता का पता चला। जांच में पता चला कि सूजन सीने तक थी। महाधमनी तक सूजन के कारण श्वासनली पर भी दबाव पड़ रहा था. इससे अंकिता को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (FNAC) ने घेंघा की समस्या का निदान किया, जिससे आगे के उपचार की दिशा तय करना आसान हो गया।
डॉ. नीलम साठे ने अंकिता की स्टर्नोटॉमी या कार्डियोवस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी (सीवीटीएस) की। थायरॉयड ग्रंथि के क्षेत्र में इस प्रकार की सर्जरी करना एक बहुत ही जोखिम भरा है और इसके लिए अत्यधिक कुशलता की जरूरत होती है। सर्जरी के दौरान, डॉ. साठे ने मरीज की स्वरयंत्र की नसों को बिल्कुल नुकसान न पहुंचे इसलिए प्रयास किया। इस सर्जरी की एक और खासियत यह है कि डेढ़ घंटे तक चली इस सर्जरी में केवल 200 मिलीलीटर रक्तस्राव हुआ।
सर्जरी के बाद अंकिता की हालत में तेजी से सुधार हुआ। सर्जरी के बाद उन्हें कोई असुविधा और कोई जटिलता महसूस नहीं हुई। सर्जरी के दौरान स्वरयंत्र की नसों को कोई नुकसान न पहुंचने के कारण अंकिता की आवाज पर भी कोई असर नहीं पड़ा। डॉक्टर साठे को घेंघा की समस्या दूर करने के अलावा सर्जरी के दौरान ट्यूब डालते समय भी काफी सावधानी बरतनी पड़ी। महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए भी सर्जरी के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतना जरूरी था, जो डॉ.साठे ने बखूबी किया।
अंकिता के उदाहरण से पता चलता है कि थायराइड की समस्या वाले लोगों के लिए प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं और ये उपचार कितने फायदेमंद हैं। डॉ. साठे जैसे कुशल चिकित्सक द्वारा की गई यह सर्जरी अंकिता जैसी समस्याओं वाले अन्य रोगियों के लिए आशा की किरण लाने में मदद करेगी। नई तकनीकों का उपयोग करने और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से रोगी का अधिक प्रभावी ढंग से इलाज करना संभव हो जाता है। अंकिता का उदाहरण दिखाता है कि एक अच्छा इलाज जीवन में कितना बदलाव ला सकता है।