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ग्लेनमार्क भारत में टाइप 2 डायबिटीज के लिए टेनेलिग्लिप्टिन+पायोग्लिटाज़ोनफिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन ड्रग लॉन्च करने वाली पहली फार्मास्युटिकल कंपनी बनी

– इनोवेटिव फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन इंसुलिन-प्रतिरोधी वयस्क रोगियों के ग्लाइसेमिक नियंत्रण सुधारने में मदद करेगा, जिनका डायबिटीज मेटफॉर्मिन से नियंत्रित नहीं हो रहा है; और जिन्हें अलग-अलग दवाओं के रूप में टेनेलिग्लिप्टिन और पायोग्लिटाज़ोन लेने की जरूरत पड़ती है।

– इस दवा का ब्रांड नाम ज़िटा प्लस पायो है जो डायबिटीजके प्रभावी प्रबंधन के लिए गुणवत्तापूर्ण दवा के रूप में उपलब्ध रहेगी।

– ज़िटा प्लस पायो भारत में एकमात्र उपलब्ध डीपीपी4 और ग्लिटाज़ोन कॉम्बिनेशन ब्रांड है।

मुंबई : इनोवेशन पर लगातार ध्यान देने वाली वैश्विक दवा कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क), ने व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले डीपीपी4 इनहिबिटर (डिपेप्टिडाइल पेप्टिडेज़ 4 इनहिबिटर), टेनेलिग्लिप्टिन के साथ पायोग्लिटाज़ोन को कॉम्बाइन करते हुए एक नया फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) लॉन्च किया है। अनियंत्रित टाइप 2डायबिटीजसे पीड़ित वयस्कों के लिए यह भारत में एकमात्र उपलब्ध डीपीपी4 और ग्लिटाज़ोन कॉम्बिनेशन ब्रांड है। ग्लेनमार्क ने इस एफडीसी को ब्रांड नाम ज़िटा प्लस पायो के तहत लॉन्च किया है, जिसमें टेनेलिग्लिप्टिन (20 मिलीग्राम) + पायोग्लिटाज़ोन (15 मिलीग्राम) शामिल है, जिसे दिन में एक बार लेना होता है।

नए लॉन्च के बारे में, श्री आलोक मलिक, ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट और हेड, इंडिया फॉर्म्युलेशंस – ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्सने कहा कि “ग्लेनमार्क भारत में डायबिटीज रोगियों के लिए उपचार के नए विकल्प प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी है और डायबिटीज ग्लेनमार्क का प्रमुख क्षेत्र है। हमें इस नए जीटा प्लस पायो को पेश करते हुए खुशी हो रही है, जो भारत में अपनी तरह का पहली दवा है, जो वयस्क डायबिटीज रोगियों के लिए विश्व स्तरीय और किफायती उपचार विकल्प प्रदान करती है।”

ग्लेनमार्क भारत की पहली कंपनी है जो टेनेलिग्लिप्टिन + पायोग्लिटाज़ोन के इनोवेटिव एफडीसी की मार्केटिंग करती है, जिसे डीसीजीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। यह फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन उन रोगियों के लिए उपयोगी होगा, जिन्हें इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने वालेग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार के लिए टेनेलिग्लिटप्टिन और पायोग्लिटाज़ोन (अलग दवाओं के रूप में) के साथ उपचार की जरूरत होती है।

टाइप 2डायबिटीज रोगियों को आमतौर पर βसेल डिसफंक्शन और इंसुलिन-प्रतिरोधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्लेनमार्क के टेनेलिग्लिप्टिन + पायोग्लिटाज़ोन के एफडीसी में इन दो सबसे महत्वपूर्ण पैथोफिज़ियोलॉजी से निपटने की क्षमता है जो इस एफडीसी को अनियंत्रित टाइप 2 डायबिटीज के प्रबंधन में अधिक प्रभावी बनाता है। टेनेलिग्लिप्टिन + पायोग्लिटाज़ोन का कॉम्बिनेशन एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण प्रदान करेगा जिसमें टेनेलिग्लिप्टिन βसेल संवेदनशीलता में बेहतर सुधार करेगा, और पायोग्लिटाज़ोन प्रभावी रूप से इंसुलिन प्रतिरोध को कम करेगा।

डायबिटीज उपचार में ग्लेनमार्क का योगदान

2015 में, ग्लेनमार्क ने भारत में अपने डीपीपी4इनहिबिटर – टेनेलिग्लिप्टिन को लॉन्च करके डायबिटीज बाजार में क्रांति ला दी थी।इसके बाद, ग्लेनमार्क ने टेनेलिग्लिप्टिन + मेटफॉर्मिन का एफडीसी पेश किया। ग्लेनमार्क की चार दशकों से अधिक की प्रगति और इनोवेशन की मजबूत परंपरा है। इसके साथ ही, भारत में अपनी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पहली बार, ग्लेनमार्क ने 2021 में टेनेलिग्लिप्टिन + रेमोग्लिफ्लोज़िन का एफडीसी लॉन्च किया।

भारत को विश्व की डायबिटीज राजधानी कहा जाता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार, भारत में डायबिटीजसे पीड़ित वयस्क लोगों की संख्या लगभग 74 मिलियन है, जो 2045 तक बढ़कर 125 मिलियन (लगभग 70% वृद्धि) होने की संभावना है। इन रोगियों में से 77% रोगियों को अनियंत्रित डायबिटीज है।

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