मुंबई : सोमवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड 4.8 प्रतिशत की मजबूती के साथ 69.5 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। इसकी वजह बाजार की तरफ से नए ओमिक्रॉन वैरिएंट की चिंताओं से अप्रभावित होना रहा। कई रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि ओमिक्रॉन की वजह से केवल हल्के लक्षण आ रहे हैं और इसका असर उतना गंभीर नहीं होगा, जो बाजार रुझानों को प्रभावित कर सके। इस वजह से तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
एंजेल वन लिमिटेड के नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च एवीपी प्रथमेश माल्या ने बताया कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन और उनके सहयोगी, जिन्हें ओपेक+ के रूप में भी जाना जाता है, ओमिक्रॉन वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद हाल की बैठक में उत्पादन गतिविधियों में अपनी निर्धारित वृद्धि (जनवरी 2022 में प्रतिदिन 400,000 बैरल जोड़ने के लिए) पर कायम रहे।
तेल निर्यातक समूह ने यह भी कहा कि यदि कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट के प्रभाव के बाद कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई तो वह अपनी उत्पादन नीति की समीक्षा करेंगे। ओपेक+ की बैठक 2022 के जनवरी के पहले सप्ताह में होने वाली है।
आने वाले हफ्तों में वायरस के प्रभाव को लेकर अनिश्चितता की वजह से वैश्विक निवेशक सतर्क रुख अपना सकते हैं। हालांकि, सख्त मौद्रिक नीति की उम्मीदों को दर्शाता मजबूत अमेरिकी डॉलर, डॉलर की कीमत वाली वस्तुओं (कमोडिटीज) के लिए झटका साबित हो सकता है। बाजारों में ईरानी कच्चे तेली की वापसी में देरी और कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट को लेकर आई चिंताओं में कमी की वजह से आज के सत्र में तेल की कीमतों को समर्थन मिल सकता है।
सोना: सोमवार को स्पॉट गोल्ड (हाजिर सोना) 0.32 फीसदी की गिरावट के साथ 1778.1 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था। बाजार में जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि और डॉलर में आई मजबूती से डॉलर की कीमतों वाले गोल्ड के आकर्षण में आई गिरावट के कारण पिछले सप्ताह की गिरावट में बढ़ोतरी देखने को मिली।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की हॉकिश की टिप्पणियों ने निवेशकों को पिछले हफ्ते सर्राफा धातुओं से दूर करने का काम किया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ प्रोत्साहन नीतियों को वापस लिए जाने के मामले में बढ़ता रुझान और ब्याज दरों में इजाफे की वजह से सोना की कीमतों पर दबाव दिखा।
ब्याज दर में वृद्धि से नॉन-यील्ड सोना रखने की अवसर लागत में बढ़ोतरी होती है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ओमिक्रॉन वायरस के प्रभाव की चिंताओं ने सोने में गिरावट को सीमित करने का काम किया, जिसे निवेश का सर्वाधिक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यूएस ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि और डॉलर के मजबूत होने से सर्राफा धातुओं (बुलियन मेटल्स) के आकर्षण पर दबाव बनाना जारी रख सकता है।