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शरणागति की तस्वीर और पाकिस्तान के गाल पर तमाचा 

✍️  वीरेन्द्र बहादुर सिंह 

तस्वीरों के बारे में कहा जाता है कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। जो सच होता है, तस्वीर उसे लाकर सामने रख देती है। यह भी कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों पर भारी होती है। कुछ ऐतिहासिक तस्वीरें ऐसी हैं, जो एक-दो हजार नहीं, लाखों शब्दों पर भारी पड़ती हैं। तस्वीरों में आवाज नहीं होती, पर ये ऐसा विस्फोट करती हैं कि कान फाड़ जाएं, आंखें चौड़ी हो जाएं, इस तरह का अनुभव कराती हैं। 1971 में पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक दिए थे। उस तस्वीर को दिखा कर पाकिस्तान को अनेक बार आईना दिखाया गया है और याद दिलाई जाती है कि तुम्हारी क्या हालत हुई थी, पता है न? अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान की शरणागति की तस्वीर ट्वीट करके साथ में लिखा है कि ‘हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और होगी भी नहीं।’

अमरुल्लाह ने जो तस्वीर ट्वीट की है, उसमें भारत की शौर्यगाथा प्रकट हो रही है। यह तस्वीर बदमाशी करने वाले पाकिस्तान की बुरी हार, लाचारी और मजबूरी को भी बयान कर रही है। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। भारत के प्रहार से पाकिस्तान की हालत दयनीय हो गई थी। भारत ने एक झटके में पाकिस्तान के दो टुकडे कर दिए थे। पूर्वी पाकिस्तान के रूप में पहचाने जाने वाले इलाके को अलग कर बांग्लादेश बना दियां था। भारतीय सेना ने 93 हजार से अधिक सैनिकों को पकड़ लिया था। कोई रास्ता न बचने पर मजबूर हो कर पाकिस्तान ने शरणागति स्वीकार कर ली थी। यह जो तस्वीर है, बांग्लादेश की राजधानी ढाका शहर के रेसकोर्स मैदान में ली गई थी। तारीख थी 16 दिसंबर और सन् था 1971। भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की उपस्थिति में पाकिस्तान की सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खां नियाजी ने शरणागति के पेपर्स पर हस्ताक्षर किए थे। जनरल नियाजी ने उस समय भी बदमाशी करने का प्रयास किया था। पूरे हस्ताक्षर करने के बजाय मात्र एएके ही लिखा था। तब जनरल अरोड़ा ने पूरा नाम लिखने को कहा था। उसके जनरल नियाजी ने पूरा नाम लिखा था।

शरण में आने वाले के बारे में कहा जाता है कि उसका बिल्ला भी उतरवा लिया जाता है। जनरल नियाजी के साथ भी बाकायदा यही हुआ था। इतिहास के पन्नों में लिखा है कि शरणागति के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने अपनी सेना की वर्दी से बिल्ला उतारा, रिवाल्वर से कारतूस निकाल कर भारत के जनरल अरोड़ा को सौंप दिया था। जनरल नियाजी ने सिर झुका कर शरणागति स्वीकार कर ली थी। इस युद्ध में भारत की सेना पाकिस्तान के अंदर तक घुस गई थी। पाकिस्तान ने हार स्वीकार कर ली तो उसके जीते हुए क्षेत्र को वापस कर दिया गया था। इस शरणागति की तस्वीर जैसे ही अमरुल्लाह ने ट्वीट की, उस लाइक्स की बरसात होने लगी थी। कमेंट्स में पाकिस्तानियों को खूब गालियां भी मिलीं।

तालिबानों के मामले में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनातनी चल रही है। यह बात तो पूरा जग जानता है कि पाकिस्तान तालिबानों की हर तरह से मदद कर रहा है। अफगानिस्तान एक बार नहीं, अनेक बार पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है कि आग के साथ खेलना बंद करो, तुम जिस आतंकवाद को पोष रहे हो, वह एक दिन तुम्हें ही लील लेगा। अभी एक ऐसी घटना घटी, जिसमें अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उपस्थिति में कहा कि पाकिस्तान के दस हजार जेहादी तालिबानों की मदद के लिए आए हैं। पकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अखलील की बेटी का पाकिस्तान में अपहरण कर लिया गया था। उसकी जम कर पिटाई भी की गई थी। अफगानिस्तान के राजदूत ने ट्वीट कर के बेटी के अपहरण की बात कही थी। जिस देश में दूसरे देश के राजदूत की बेटी सुरक्षित नहीं, उस देश की क्या हालत होगी, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।

पाकिस्तान चीन की गोद में बैठा है, पर अब चीनी भी पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं हैं। कुछ दिन पहलें पाकिस्तान में एक बस में विस्फोट हुआ था, जिसमें तेरह लोगों की मौत हुई थी। उन तेरह में नौ चीनी इंजीनियर थे। इस घटना के बाद चीन पाकिस्तान के ऊपर भड़क उठा था। चीन को डर है कि अगर पाकिस्तानी आतंकवादी चीनी नागरिकों पर हमला करने लगेंगे तो क्या होगा? चीन और पाकिस्तान में इस समय एक तस्वीर वातरल हो रही है। इस तस्वीर में चीन-पाकिस्तान इकोनामिक काॅरिडोर में काम करते हुए एक इंजीनियर है। काम कर रहे उस इंजीनियर के एक हाथ में मशीनगन है। चीन के नागरिकों को एक हाथ में मशीनगन ले कर काम करना पड़ता है।

पाकिस्तान को लगता है कि तालिबान अगर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेंगे तो उन्हें फायदा होगा। अफगानिस्तान से भारत दूर हो जाएगा। पकिस्तान चीन को अफगानिस्तान में घुसेड़ सकेगा। पाकिस्तान की समझ में यह नहीं आ रहा है कि तालिबानी अगर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेंगे तो तुम्हें भी हैरान कर सकते हैं। अमेरिका की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट हिलेरी क्लिंटन एक बार पाकिस्तान के बारे में कहा था कि आतंकवादियों को पनाह देना बंद करो, आप अपने बाड़े में जहरीले सांप पाल-पोस रहे हो, ये सांप पड़ोसियों के घर जा कर दंश मारें, यह जरूरी नहीं है। ये आप को भी काट सकते हैं। हिलेरी ने यह बात भारत के संदर्भ में कही थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का मानना है कि तालिबानियों के आने पर तालिबानी आतंकवादी कश्मीर में काम पर लग जाएंगे। तालिबानों को अभी अफगानिस्तान पर कब्जा करना है, इसलिए वे पाकिस्तान को महत्व दे रहे हैं। उनका काम हो जाएगा तो वे खुद के बारे में सोचेंगे। अफगानिस्तान में तालिबानी काबुल और कंधहार के नजदीक पहुंच गए हैं। कहा जाता है कि कंधहार जाने वाले तमाम रास्ते तालिबानों के कब्जे में हैं। हवाई मार्ग के अलावा कंधहार जाने का कोई रास्ता नहीं है। अफगानिस्तान गृहयुद्ध की कगार पर खड़ा है। पाकिस्तान और चीन अपने स्वार्थ साधने के लिए खेल खेल रहे हैं। इन लोगों को पता नहीं, खराब लोगों की मदद करने का परिणाम कभी अच्छा नहीं होता।

(लेखक मनोहर कहानियां एवम् सत्यकथा के संपादकीय विभाग में कार्य कर चुके है)

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