
रिपोर्ट : निर्णय तिवारी
छतरपुर, (म0प्र0) : जिला अस्पताल में लगातार मरीज ऑक्सीजन की समस्या से जूझ रहे है।ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म होने से 4th फ्लोर में अफरा तफरी मच गई है ।प्रत्यक्षदर्शिओ ने बताया कि ऑक्सीजन न मिलने से रात्रि 12 बजे से अभी तक 12 लोगो की मौत हो गयी है। लोग अपनो की जान बचाने ऑक्सीजन की भीख मांग रहे, गिड़गिड़ा रहे है यहाँ तक कि नर्शो के आगे घुटने पर बैठकर मदद की गुहार लगा रहे कि मेरे मरीज को बचा लो थोड़ी से ऑक्सीजन दे दो पर कोई भी सुनने वाला नही मरीज तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे है । कर्फ्यू के नाम पर जरूरतमंदों के साथ बदसलूकी की घटनाएं लगातार सामने आ रही है कुल मिलाकर जरूरतमंद परेशान हैं आमजन में दहशत का माहौल है यह सब पहलू प्रशासन की कमजोरियों को उजागर करते नजर आ रहे हैं इस कठिन दौर में जरूरतमंदों को ऊंचे ओहदे पर बैठे अफसरों से उम्मीद की आस होती है यह समय जरूरतमंदों की हौसला अफजाई करने का है ना कि उनके मन में डर और दहशत फैलाने का माना कि हालिया समय में प्रशासन अपना काम बखूबी कर रहा है लेकिन हर आदमी संतुष्ट नहीं,
जिला अस्पताल कर्मचारियों से जानकारी पर पता चला कि 4th फ्लोर में ऑक्सीजन लाइन तो डली है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने बंद करवा दी है अगर यह लाइन चालू हो जाती तो कम से कम 4 जम्बू ऑक्सीजन सिलेंडर से 40 लोगो की जान बचाई जा सकती थी । ओर यह बहुत ही आसान था बड़े बड़े सिलेंडर आसानी से प्रसासन को मिल सकते थे अगर प्रसासन थोड़ा ध्यान दे देता तो लोगो को अपनी जान नही खोना पड़ती
जिससे साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण के दौर में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से गढ़बड़ा चुकी हैं संक्रमण के डर से डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे जिससे वार्ड में मरीजों का नियमित फॉलो अप नहीं हो पा रहा इस कारण कई मरीजों की जान भी गई, तो वही नवीन भवन की चौथी मंजिल पर कई मरीजों को बेड न मिलने पर कई मरीज अपने आप सीजन चिल्ड्रन डर के भरोसे फर्स्ट पर लेट कर इलाज करा रहे हैं वहीं कई मरीजों का ऑक्सीजन ना मिल पाने से तड़प तड़प कर अपनी जान भी दे रहे हैं।
आपको बता दें कि जिले मैं ऑक्सीजन के दो प्लांट स्थित हैं जिन के द्वारा लगातार ऑक्सीजन की पूर्ति की जा सकती है लेकिन केमिकल ना होने की कारण हर दिन प्लांट के बंद होने की सूचनाएं आ रहे हैं अभी हाल ही में 2 दिन पहले महेवा – नौगांव रोड पर स्थित प्लांट में लिक्विड की कमी बताई गई थी जिस पर प्रशासन ने ध्यान देते हुए लिक्विड की पूर्ति कर ऑक्सीजन प्लांट को संचालित करवाया तब लग रहा था कि अब जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो पाएगी पर एक दिन पश्चात ही चंद्रपुरा स्थित प्लांट में केमिकल ना होने के कारण प्लांट का संचालन रुक गया जिस से भी ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है।
इसके अलावा जिला चिकित्सालय में ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही बाथरूम में पानी आ रहा है बाथरूम बहुत गंदी है कचरे का जगह जगह ढेर लगा है प्रशासनिक पर मौजूद लोगों ने प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा संक्रमण फैलने की मुख्य बजह प्रसासन की लापरवाही है उन्होंने बताया कि यहाँ भर्ती मरीजों की कोबिड जांच नही होती इस दौरान कोबिड का मरीज खत्म भी हो जाता है तो परिजन बॉडी अपने साथ ले जाते है जिससे आप अंदाजा लगा सकते है के संक्रमण की चेन टूटने की जगह मामले भर दे सकते हैं जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है