मुंबई : एण्डटीवी के शो ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ ने हर बार दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। एक बार फिर इस शो में बड़ी ही नाटकीय और हैरान कर देने वाली घटना देखने को मिलने वाली है। बबली की रहस्यमयी हत्या के मामले में, स्वाति (तन्वी डोगरा) को बचाने के लिये इंद्रेश (आशीष कादियान) अपने आपको पुलिस के हवाले कर देता है। लेकिन उसे अपनों के लिये और कितनी कुर्बानियां देनी होंगी? अभी भी देवेश त्रिपाठी (धीरज राय), असुर रानी पॉलोमी (सारा खान) के वश में हैं और वह इंद्रेश की जान को दांव पर लगाकर, स्वाति को शादी के लिये मजबूर करता है। अपनी पत्नी को बचाने के लिये, बहादुर इंद्रेश बंदूक छीनकर खुद को गोली मार लेता है। यह देखकर सारे सन्न रह जाते हैं।
संतोषी मां (ग्रेसी सिंह) ने कभी भी अपनी भक्त स्वाति को हारने नहीं दिया, लेकिन इतनी बड़ी तबाही के समय वह स्वाति को कैसे हिम्मत बंधायेगी? किस्मत के इस तरह पलटने पर दोनों ने अपने अनुभव साझा किये, तन्वी डोगरा (स्वाति) कहती हैं, ‘‘कोई भी यह कल्पना नहीं कर सकता था कि स्वाति और इंद्रेश इस तरह जुदा होंगे। उन्होंने जितनी मुश्किलें झेली और डटकर उनका सामना किया, वह वाकई काबिले तारीफ है। यह उनके अमर प्रेम का सच्चा सबूत है। इंद्रेश को खोना स्वाति के लिये बेहद ही मुश्किल पल होने वाला है, इसलिये उसने अपने पति की जलती चिता में कूदने की कोशिश भी की। लेकिन उसका यह भारी दुख उसे बदला लेने के लिये और बबली के असली कातिलों का पता लगाने के लिये प्रेरित करेगा।“आशीष कादियान (इंद्रेश) कहते हैं, ‘‘इंद्रेश, स्वाति की खुशी और उसकी रक्षा के लिये किसी भी हद तक जा सकता है। जब स्वाति परेशानी में थी, उसने सारी चीजों से पहले उसको तवज्जो दिया। यहां तक कि अपनी जिंदगी भी दांव पर लगा दी। इंद्रेश ने हमेशा ही स्वाति का साथ दिया, आखिरी दम तक। यह बेहद ही दर्दनाक दृश्य होता है जब इंद्रेश खुद को गोली मार लेता है और स्वाति इस घटना को वीडियोकॉल पर देखती है। वह बिलकुल ही निराशा की स्थिति में है। अब सिर्फ संतोषी मां की मदद और इंद्रेश की यादों के सहारे ही वह दोबारा खड़ी हो सकती है और इतने बड़े दुख का सामना कर सकती है।’’