सरिता त्रिपाठी
लखनऊ : नीलम सक्सेना चंद्रा जी के फेसबुक पेज से काव्यगोष्ठि का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अंजली जी (लखनऊ), डॉ रेणु मिश्रा जी (गुणगांव), अजय वर्मा जी (बाराबंकी), सरिता त्रिपाठी जी (लखनऊ), एवं डॉ अपर्णा प्रधान जी (गोवा) ने प्रतिभाग कर अपनी कविताओं/गीतों को लयबद्ध सुर में प्रस्तुत किया। मंच का संचालन डॉ अपर्णा प्रधान जी ने किया। कवियत्री अंजली जी जो यस बी आई से रिटायर्ड हैं बेहतरीन प्रस्तुति “याद है तुमको साजन मेरे- ये पहले रहेगी” व “तुम्हारी वो बेकरार निगाहें, मुझे एक करार दे जाती हैं” सुनाकर दी।
कवियत्री डॉ रेणु जी ने पहली बार गाकर सबका मन मोह लिया और उन्होंने अपनी प्रस्तुति “इश्क़ की आग इक करिश्मा है, और दहकती है ये बुझाने से” व “ये कचनार का शज़र मुझे आवाज़ देता है” सुनकर दिया।कवि अजय जी जो यस बी आई में कार्यरत हैं बहुत शानदार प्रस्तुति “ये दुनिया न होती ये रिश्ते न होते” व “मेरे हमसफर मेरे दिल वो जिगर, रूबरू तू मेरे पास है” सुनाकर दी। कवियत्री सरिता जी जो एक रिसर्चर हैं अपनी कविताओं को सुरों में पिरोया उन्होंने “मरीज ए इश्क की कोई दवाई नहीं” व “दो दिलों में अक्सर जो कनेक्शन हुआ” रसायन विज्ञान पर प्रस्तुत किया। कवियत्री डॉ अपर्णा जी जो आज की मॉड्रेटर भी थी ने बहुत ही उम्दा प्रस्तुति “मेरे हमसफर मेरे हमसफर” व “इश्क करते हो हमसे करो तो सही” सुनकर दिया।
कार्यक्रम के संचालन में सभी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा, प्रसून जी तत्परता से पोस्टर तैयार किया, रेणु जी ने तकनीकि सहयोग प्रदान किया। नीलम जी का सभी को मंच देना बहुत ही सराहनीय है। नीलम जी रेलवे में ए डी आर एम हैं और सुप्रसिद्ध कवियत्री एवं लेखिका हैं जो नये लोगों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।