रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मीरजापुर, (उ.प्र.) : किसी भी व्यक्ति को यदि ज्यादा समय से खांसी से पीड़ित हो तो उसकी अनदेखी न करें। इसमें खांसी से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच अवश्य कराये। खांसी से कोविड 19 व टीबी नहीं बताया जा सकता है। टीबी भी कोविड की तरह संक्रामक एक संक्रामक बीमारी है। दोनों बीमारियों के लक्षण भी आपस में काफी हद तक मिलते जुलते हैं। इस कारण बीमारी का पता लगाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस परिस्थिति में खांसी से पीड़ित व्यक्ति को अत्यन्त सक्रिय रहने की आवश्यकता है । यदि पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर है तो कोविड व टीबी होने का खतरा रहता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर प्रभु दयाल गुप्ता टीबी व कोरोना संक्रमण के विषय में शुक्रवार को कार्यालय स्थित विवेकानन्द सभागार में सभी स्वास्थ्यकर्मियों व जिले में कार्यरत आशा व एएनएम को विस्तारपूर्वक बताया कि यह टीबी एक प्राचीन काल से चली आ रही बीमारी है जो माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है। यह बीमारी ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करता है। फेफड़ा को प्रभावित करने के बाद पीड़ित व्यक्ति खांसने व छिकने लगता है। उसी के साथ बैक्टीरिया ड्राइलेट के रूप में निकलते हैं जो किसी भी व्यक्ति के सांस लेने के साथ ही शरीर में पहुंचता है परन्तु जिसके शरीर में टीबी का बैक्टीरिया प्रवेश करता है लेकिन यह जरूरी नही है कि व इस टीबी जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाए। यदि व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो उसमें इस बीमारी से पीड़ित होने की आंशका ज्यादा बन जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डाक्टर एल0एस0मिश्र ने बताया कि यह बीमारी फेफड़ों के अलावा शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। जैसेः- हड्डी, बच्चेदानी, मस्तिष्क, आंख, कान व चमड़ी में भी टीबी बीमारी हो सकता है। क्षय रोग विभाग की टीम जिले में बराबर टीबी रोगियों की खोज कर उनका तत्काल उपचार करवाने का काम कर रही है। यदि किसी भी व्यक्ति बीमारी का लक्षण पाया जाता है तो तत्काल उसके बलगम की जांच जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व मंडलीय चिकित्सालय में करवाने का कार्य करें।
खांसी भी कई प्रकार की है
जिला कार्यक्रम समन्वयक सन्ध्या गुप्ता ने बताया कि खांसी कई तरह की होती है किसी भी व्यक्ति को तेज खांसी, सामान्य खांसी, पुरानी खांसी, बलगम वाली खांसी, सूखी खांसी, काली खांसी हो सकती है। ठण्ड के दिनों में यह समस्या प्रायः होती है। यह खांसी विभिन्न प्रकार की बीमारियों को भी पैदा कर सकता है। यदि इलाज के बाद भी खांसी खत्म न हो तो उसकी किसी भी प्रकार से अनदेखी न करें।
कोविड व टीबी बीमारी के लक्षण
यदि किसी व्यक्ति को सूखी खांसी और बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ है तो यह कोविड.19 का लक्षण है। यदि दो सप्ताह से ज्यादा समय से लगातार खांसी आना ए दो हफ्ते से ज्यादा समय से बुखार आना, खासकर शाम को बुखार आना, खांसी के साथ बलगम में खून आना, भूख न लगना, वजन कम होना, सीने में दर्द रहना, पसीना आना, यह टीबी का लक्षण है।