कारोबारताज़ा खबर

बजट 2021: प्रत्यक्ष करों में कोई बदलाव नहीं ; टैक्स कम्प्लायंस को बनाया आसान

– ज्योति रॉय (डीवीपी- इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट, एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड)

मुंबई : प्रत्येक बजट की तरह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों को लेकर इस बार भी कई अपेक्षाएं थी। पिछले वर्ष में कोरोनोवायरस महामारी और अर्थव्यवस्था के संकुचन के मद्देनजर बजट 2021 अधिक महत्वपूर्ण था।

प्रत्यक्ष कराधान के मोर्चे पर आयकर आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण रहता है। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए व्यक्तिगत कर-भुगतानकर्ता के लिए आईटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वेतनभोगी क्लास और पेंशनर्स, दोनों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन अपरिवर्तित रखा है। व्यक्तिगत करदाता वित्त वर्ष 20-21 के लिए घोषित दरों पर कर का भुगतान करते रहेंगे।

वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि 75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय केवल पेंशन या जमा पर ब्याज से होती है, उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।

रिटर्न फाइल करना हुआ आसान: बजट भाषण के अनुसार आईटी रिटर्न फाइलिंग आसान बनाने के लिए पोस्ट ऑफिस या बैंक से प्राप्त ब्याज या कैपिटल गेन्स की राशि पहले से भरी मिलेगी। साथ ही, आईटी रिटर्न के तहत असेसमेंट को फिर से खोलने की समयसीमा को मौजूदा छह वर्षों से घटाकर तीन साल कर दिया गया है। विवादों के निपटारे के सवाल पर, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि जिस किसी की कर योग्य आय 50 लाख रुपए तक है और 10 लाख रुपये तक की विवादित आय है तो वह विवाद के निपटारे के लिए समिति से संपर्क कर सकते हैं। इसका उद्देश्य आईटी भुगतानकर्ताओं के कर उत्पीड़न पर शिकंजा कसना है।

सरकार ने बजट में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण को फेसलेस बनाने और राष्ट्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने घोषणा की कि कंपनियों के लिए टैक्स ऑडिट सीमा को 10 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में, जो कंपनियां डिजिटल रूप से 95 प्रतिशत लेनदेन करती हैं, उन्हें टैक्स ऑडिट लिमिट 5 करोड़ रुपए के टर्नओवर की मिलती है।

यूलिप्स और ईपीएफः बजट में क्या है?: इसके अलावा, सरकार ने यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) की मैच्योरिटी पर टैक्स में छूट का प्रस्ताव रखा है, जिसका सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपए तक है। बजट के अनुसार 2.5 लाख रुपए से अधिक की ईपीएफ ब्याज आय करों में शामिल होगी। बजट में यह भी प्रस्तावित है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियोक्ता कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड को समय पर जमा कराए, नियोक्ता को कर्मचारियों के योगदान को देरी से जमा करने पर डिडक्शन नहीं मिल सकेगा। यह परिवर्तन 2 अप्रैल, 2021 से लागू होगा और यह उन कंपनियों या कर्मचारियों पर लागू होगा जो वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं।

टैक्स संबंधी अन्य घोषणाएँ: विदेश में रिटायरमेंट फंड्स पर अनिवासी भारतीयों के लिए दोहरे कराधान को बजट के अनुसार हटा दिया जाएगा। इसके अलावा, बजट में अफोर्डेबल होम लोन पर ब्याज भुगतान पर अतिरिक्त कटौती का दावा करने के लिए समयसीमा को 31 मार्च, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 करने का प्रस्ताव है। आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 80ईईए के तहत, ऋण लेने वाले अफोर्डेबल होम लोन पर ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं।

आरईआईटी (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और इनविट (इंफ्रास्क्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड) के लिए कम्प्लायंस को आसान बनाते हुए को डिविडेंड भुगतान के तौर पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से छूट दी जाएगी। मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि शेयरहोल्डर लाभांश का सही अंदाजा नहीं लगा सकते। इस तरह की देयता तभी बनेगी जब कंपनी ने लाभांश भुगतान की घोषणा कर दी हो या उसका भुगतान कर दिया हो। बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए कम संधि दर पर टैक्स डिविडेंड सुनिश्चित करने का भी प्रस्ताव है।

व्यक्तिगत (एचएनआई) टैक्सपेयर्स के हाई नेट वर्थ के लिए किसी भी कोविड-सेस (उपकर) को नहीं थोपना, जिसकी बजट से पहले उम्मीद थी, ध्यान देने योग्य एक और फेक्टर है।

अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने गैर-मिश्र धातु, मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील्स के सेमी, फ्लैट और लंबे उत्पादों पर सीमा शुल्क घटाकर समान रूप से 7.5 प्रतिशत कर दिया है। सरकार ने 400 से अधिक पुरानी छूटों की समीक्षा करने और संशोधित संरचना लाने का प्रस्ताव दिया है। कुछ ऑटो पार्ट्स पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत तक बढ़ेगा। सोने और चांदी के सीमा शुल्क को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत किया जाएगा, ताकि उन्हें तर्कसंगत बनाया जा सके और उन्हें पहले के स्तर के करीब लाया जा सके।

वित्त मंत्री ने कुछ सामानों पर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (एआईडीसी) का भी प्रस्ताव रखा है, इसके अलावा पेट्रोल पर 2.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर एग्री इंफ्रा सेस का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सेस 2 फरवरी से लागू हो गया है लेकिन उपभोक्ताओं को प्रभावित नहीं करेगा। मादक पेय पदार्थों के आयात पर 100 प्रतिशत का एआईडीसी उपकर प्रस्तावित किया गया है।

आर्थिक गतिविधि और वृद्धि को पुनर्जीवित करने और सरकारी खर्च बढ़ाने के उद्देश्य से बजट ने व्यक्तिगत करदाताओं के आयकर को अछूता छोड़ाहै, जिसे वेतनभोगी वर्ग के लिए राहत के रूप में देखा जा सकता है। इसके अलावा, रिटर्न दाखिल करने में आसानी और कम्प्लायंस टैक्स-पेयर्स के लिए एक स्वागत योग्य संकेत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »