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बजट 2021 : इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की संभावना

मुंबई : बाजार ने हाल के दिनों में बेंचमार्क सूचकांकों, बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी दोनों को सर्वकालिक उच्च स्थान पर देखा है। सेंसेक्स ने जहां 50 हजार का शिखर फतह किया, वहीं निफ्टी ने 14,700 की नई ऊंचाई को छू लिया, जो कि मार्च 2020 के 25 हजार के स्तर से बाजार के रिकवर होने के बाद से लगातार बुल रन जारी है। बजट के साथ आने वाली उम्मीदें और वित्त मंत्री के बजट के आस-पास के बयान से उम्मीदें बढ़ गई हैं। ऐसे में आगामी बजट में किन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की संभावना है इस बारे में बता रहें हैं एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट-डीवीपी ज्योति रॉय।

मैन्युफैक्चरिंग: यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें सबसे अधिक संभावना है, क्योंकि विनिर्माण पर जोर रोजगार पैदा करेगा, निवेश बढ़ाएगा और आर्थिक रिवाइवल को ट्रिगर करेगा। ऑटो कंपोनेंट, मेडिकल इक्विपमेंट, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्ट्स, स्पेशलिटी स्टील जैसे सेक्टरों के लिए प्रोडक्ट-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को अन्य क्षेत्रों जैसे कैपिटल गुड्स या कंज्यूमर ड्यूरेबल्स तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसे परिदृश्य में, ये क्षेत्र आय अर्जित करेंगे।

स्वास्थ्य : हेल्थकेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसे अधिक जोर मिलने की उम्मीद है क्योंकि कोविड-19 स्थिति ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाया है। फार्मा क्षेत्र भी अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में प्रोत्साहन और विस्तारित समर्थन की अपेक्षा करता है। बजट 2021 में स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन में 40 प्रतिशत अधिक आवंटन की उम्मीदें हैं। पिछले साल के बजट में, इस क्षेत्र का आवंटन 69,000 करोड़ रुपये के दायरे में था।

रियल एस्टेट : रियल्टी क्षेत्र को उम्मीद है कि सेक्टर के लिए लिक्विडिटी को बढ़ावा देने के लिए आवास और जीएसटी पर टैक्स छूट मिलेगी। 2020 में, सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) ने तरलता बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिसमें रेपो रेट में 140 आधार अंकों तक की भारी भरकम कटौती भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप होम लोन की ब्याज दरें रिकॉर्ड निम्न-स्तर पर हैं। उद्योग को उम्मीद है कि रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं और 30 लाख रुपए या उससे कम कीमत के किफायती घरों पर दिए जाने वाले होम लोन के लिए एलटीवी (लोन टू वैल्यू) अनुपात को 90% तक बढ़ाया जाएगा और साथ ही यह लाभ मध्यम और उच्च-आय वर्ग वाली श्रेणियों को भी दिया जाएगा।

रक्षा : रक्षा बजट के आवंटन में वृद्धि देखी जा सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह लगभग 6 लाख करोड़ रुपए को छू सकता है, जो बजट 2020 में घोषित 4.71 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। कुछ मामलों में रक्षा आयात पर आत्मनिर्भरता की कोशिश का आगे बढ़ना महत्वपूर्ण होगा।

अन्य : पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र पर भी कुछ जोर दे सकते हैं और प्रोत्साहन की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों को महामारी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

एलटीसी जीः इक्विटी पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स खत्म करने की उम्मीदें भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाएंगी और भारतीयों को लिस्टेड इक्विटी में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगी। यहां तक कि 1 लाख रुपए से अधिक के एलटीसीजी पर वर्तमान 10 प्रतिशत कर की सीमा को 2 लाख रुपये से अधिक बढ़ाने से निवेशकों का सेंटिमेंट मजबूत होगा, विशेष रूप से छोटे निवेशकों को।

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