रिपोर्ट : रवि यादव
मुबंई : वैश्विक महामारी कोरोना काल में एक ओर जहां पूरा विश्व लगभग थम सा गया है, वहीं कुछ लोग विभिन्न समाजिक संस्थाओं के माध्यम से सेवा कार्य को नित्य नये आयाम तक पहूंचाने में व्यस्त है। ऐसी ही एक संस्था है राजस्थानी महिला मंडल मुम्बई के कुछ घरेलु राजस्थानी महिलाओं द्वारा सन 1965 में स्थापित इस संस्था आज अपनी निरंतर सेवा कार्यों के माध्यम से मुम्बई ही नहीं देश के प्रमुख समाजिक संस्थाओं में अपना स्थान स्थापित किया है।
संस्था की उपाध्यक्षा व सुप्रसिद्ध समाजसेविका, परमवीर-अ वार डायरी की लेखिका मंजू लोढ़ा ने बतलाया कि यह संस्था पिछले 55 वर्षों से निरंतर समाजसेवा का कार्य करती आ रही है। वर्तमान में 16 से अधिक विविध समाजिक गतिविधियां संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है। संस्था द्वारा विभिन्न परियोजनाओं को महिलाओं की एक समर्पित टीम के बीच विभाजित किया जाता है, जो सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रत्येक गतिविधि की निगरानी करती हैं। न्यासी बोर्ड प्रत्येक परियोजना के प्रशासन और वित्तीय आवंटन पर अंतिम निर्णय लेता है। मंडल को गैर सरकारी संगठन का दर्जा प्राप्त है और विभिन्न वर्गों में सभी वस्तुओं को उचित बिल और रसीद के साथ बेचा जाता है।
श्रीमती लोढ़ा ने बतलाया कि इस संस्था द्वारा महिला सशक्तिकरण, प्रशिक्षण, आत्मनिर्भरता जैसै कार्यक्रमों को प्रमुखता दी जाती है। वर्तमान करोना काल में जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रही थी, लोग घरों में कैद से हो गये थे, घर में आय का कोई साधन नहीं दिख रहा था, वैसे विषम परिस्थिति में भी राजस्थानी महिला मंड़ल ने कार्य किया। घरेलु महिलाओं के लिए ऑनलाइन वैश्विक बाजर की शुरूआत कर नई दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य हमने किया। मध्यम आय वर्ग की महिलाओं द्वारा स्वच्छतापूर्ण हस्तनिर्मित पापड, आचार, मसाला आदि खाद्य-पदार्थ तथा विविध गृह-सज्जा हेतु विविध वस्तुओं को ऑनलाईन के माध्यम से बेंचकर हमने उनके लिए आय के नये स्रोत का सृजन किया गया।
संस्था की अध्यक्षा लता रूंगटा ने बतलाया राष्ट्रीय आपदा काल में संस्था व संस्था सदस्यों ने सदैव आगे बढ़कर मदद किया है। देश के किसी भी भाग में प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सुखा, भुकम्प आदि में आर्थिक सहायता के साथ ही मानवीय व चिकित्सा सहायता संस्था उपलब्ध करवाती आ रही है। वर्तमान कोरोना काल में भी संस्था द्वारा लोगों को भोजन, पानी व अन्य खाद्य-सामग्री का भरपूर वितरण किया। कई स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को प्रतिदिन नाश्ता व भोजन के साथ उपयुक्त चिकित्सा सहायता व दवा भी संस्था द्वारा उपलब्ध करवाया गया।
राजस्थानी महिला मंड़ल मुम्बई द्वारा हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के एक-एक विद्यालय का संचालन भी किया जाता है। हिन्दी माध्यम से अब तक 20 हजार से अधिक बच्चे तथा अग्रेजी माध्यम से 5 हजार से अधिक बच्चों ने शिक्षा ग्रहण कर देश के विकास में अपनी-अपनी भुमिका निभा रहे है। संस्था द्वारा संचालित स्वास्थ्य केद्र के माध्यम से प्रतिमाह सैकड़ों लोगों को विविध स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। मुस्कान के माध्यम से सीनियर सिटीजन के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कुल मिलाकर यह संस्था जीवन के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है।