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निकलओडियन ने ‘‘आई एम #OneOfAKind : नरचरिंग सैल्फलव इन चिल्ड्रन’’ पर एक विशेष पैनल चर्चा द्वारा आत्मगौरव की प्रेरणा दी

♦ ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल्स के साथ गठबंधन में इस पैनल वार्ता में 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया

♦ मशहूर हस्तियों जैसे डॉ. स्वाति पोपट वत्स, नेहा धूपिया, डॉ. भारती रखेजा, और डॉ. अर्चना रूशल पध्ये ने बच्चों को अपने ऊपर गौरव करने में मदद करने में परिवार,स्कूलों, और समुदायों की भूमिका पर चर्चा की

नेशनल : खुद पर गर्व करना एक बहुमूल्य कौशल है, जो हर बच्चे को सीखना चाहिए। इसीलिए भारत की अग्रणी किड्स फ्रैंचाईज़ी, निकलओडियन ने ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल के साथ गठबंधन में उद्योग के दिग्गजों के साथ एक दिलचस्प फोरम का आयोजन किया, जिसमें छोटी उम्र से ही #OneOfAKind बनने के महत्व को समझने के बारे में चर्चा की गई। इस चर्चा में इस बात पर बल दिया गया कि आप जैसे हैं, वैसा ही स्वयं को स्वीकार करने से युवाओं को अपने ऊपर गर्व करने और आगे चलकर सामाजिक नियमों एवं परंपराओं को चुनौती देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

‘आई एम रु #OneOfAKind: नरचरिंग सेल्फ-लव इन चिल्ड्रन’ शीर्षक की इस पैनल वार्ता में अभिनेत्री और माँ, नेहा धूपिया; पोदार एजुकेशन नेटवर्क और अरली चाईल्डहुड एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्रेसिडेंट – डॉ. स्वाति पोपट वत्स; सैल्फ-लव कोच एवं ‘आई एम एनफ’ सोसायटी की संस्थापिका, डॉ. भारती रखेजा और स्पेशल नीड्स एंड काउंसलिंग विभाग, ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल की एचओडी, अर्चना रुशल पध्ये शामिल थे। इस पैनल ने बच्चों को अपने अद्वितीय गुणों को पहचानने में मदद करने में परिवार, स्कूलों, और समुदायों की भूमिकाओं के बारे में वार्ता की।

वार्ता की शुरुआत करते हुए नेहा धूपिया ने कहा, ‘‘आज के समाज में बच्चों को सामाजिक नियमों और अपेक्षाओं का भारी दबाव झेलना पड़ता है। छोटी उम्र से ही उन पर ढेरों अपेक्षाओं के तीर चला दिए जाते हैं कि उन्हें कैसा दिखना चाहिए, कैसे काम करना चाहिए, और कैसा व्यवहार करना चाहिए। माता-पिता के रूप में हम बच्चों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर उन्हें इन दबावों को झेलने में मदद कर सकते हैं। अपने व्यक्तिगत गुणों को अपनाकर एवं स्वयं पर गर्व करके हम बच्चों को दिखा सकते हैं कि सबसे अलग होने में कोई हर्ज नहीं, और हम उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।’’

अपने अद्वितीय गुणों को अपनाने में बच्चों की मदद करने में स्कूलों और एजुकेटर्स की भूमिका के बारे में डॉ. स्वाति पोपट वत्स ने कहा, ‘‘मैं पैनल का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित हूँ। यह पैनल बच्चों में अपने प्रति गर्व की भावना का विकास करने के महत्व पर बल दे रहा है। हर बच्चा अपने में अद्वितीय होता है, और वह अपने ऊपर गर्व करने का हकदार है। यह दायित्व स्कूलों और टीचर्स का है कि वो बच्चों में अपने खुद के प्रति गर्व व प्रेम की भावना का विकास करें, और बच्चों को अपनी शक्तियों और अंतरों को अपनाने में समर्थ बनाएं, तथा एक उज्जवल एवं ज्यादा समावेशी भविष्य का मार्ग तैयार करें। एजुकेटर्स के रूप में काम करते हुए हम एक ऐसे सहयोगपूर्ण वातावरण का विकास कर सकते हैं, जिसमें विद्यार्थी महत्वपूर्ण, सम्मानित, और अपने सपनों की ओर बढ़ने के लिए सशक्त महसूस करें।’’

डॉ. भारती रखेजा का मानना है कि हर बच्चे को अपने महत्व को समझना चाहिए और अपनी अद्वितीयता में खुश महसूस करना चाहिए। रखेजा ने कहा, ‘‘सैल्फ-लव कोच के रूप में मैंने लोगों के जीवन में आत्मप्रेम की परिवर्तनकारी शक्ति को महसूस करके देखा है। बच्चों को आत्मप्रेम सिखाकर हम आत्मविश्वास से पूर्ण, मजबूत लोगों की पीढ़ी तैयार कर सकते हैं, जो जीवन की चुनौतियों का सामना विनम्रतापूर्वक और अटलता के साथ कर सकें। यह देखकर अच्छा लगता है कि निकलओडियन जैसा ब्रांड न केवल मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि बच्चों के जीवन को समृद्ध भी बनाता है।’’

निकलओडियन के साथ अपने गठबंधन के बारे में ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल, मलाड वेस्ट की प्रिंसिपल, जयश्री भाके ने कहा, ‘‘हमारे स्कूलों में हम अध्ययन का एक समावेशी और सहयोगपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हर विद्यार्थी स्वयं को महत्वपूर्ण और सम्मानित महसूस करे। निकलओडियन ने बच्चों को संलग्न करने के लिए सकारारुमक रुख अपनाया है और मनोरंजन से बाहर भी उनके साथ एक सौहार्द्रपूर्ण संबंध स्थापित किया है। निकलओडियन ने एक ऐसा उदाहरण स्थापित किया है, जिसका अनुकरण दूसरे संस्थान भी कर सकते हैं। हमें #OneOfAKind पर इस दिलचस्प वार्ता का आयोजन करने और इस उद्देश्य में अपना योगदान देने के लिए निकलओडियन के साथ गठबंधन करने की खुशी है। हमारा मानना है कि यह गठबंधन हमारे स्कूलों और समुदायों में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा।’’

यह पैनल वार्ता निकलओडियन के प्रो-सोशो अभियान ‘‘टुगैदर फॉर गुड’’ का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य बच्चों में स्वयं के प्रति प्रेम और आदर के भाव को प्रेरित करना है। इसे उन्हें एक अपनी एक सकारात्मक छवि बनाने की भावना मिलेगी। ऑर्किड द इंटरनेशनल स्कूल- मलाड वेस्ट शाखा में आयोजित हुई यह वार्ता काफी सफल रही, और इसमें 200 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें अभिभावक, एजुकेटर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और बच्चे शामिल थे।

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