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Mirzapur : जन्मजात विकृति से जूझ रहे बच्चों को मिला मुफ्त उपचार 

  • आरबीएसके के तहत तीन बच्चों की करायी गई सर्जरी
  • दो बच्चों के दिल के छेद व एक मूक-बधिर बच्चे का हुआ आपरेशन
  •  जिले में अप्रैल से अब तक 74 बच्चों का हुआ निःशुल्क उपचार

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्मजात विकृति से जूझ रहे बच्चों का मुफ्त उपचार कराकर उनके जीवन को खुशियों से भरने का काम किया जा रहा है। इस साल अप्रैल से अब तक जिले के करीब 74 बच्चों को आरबीएसके के तहत मुफ्त इलाज मिल चुका है। इसी क्रम में पिछले माह नवम्बर में जिले के दो बच्चों का अलीगढ़ स्थित चिकित्सालय में दिल (हृदय) के छेद की निःशुल्क सर्जरी कराई गई व दिसम्बर में मूक बधिर छह वर्षीया बालिका का कानपुर में आपरेशन कराया गया। यह जानकारी कार्यक्रम के प्रबन्धक राकेश तिवारी ने दी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि जिले के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 44 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा 263 उप केंद्रों पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लगातार बच्चों को चिन्हित कर उपचार कराया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ऐसे बच्चों का उपचार बिल्कुल मुफ्त कराया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के डा. हिमांशु चतुर्वेदी ने सरकारी खर्च पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में दो बच्चों व एक बालिका की कानपुर के मेहरोत्रा फाउण्डेशन में सर्जरी करायी व तीन से चार दिनों के बाद दो दिसम्बर को डाक्टरों के परामर्श के बाद लौटे। कानपुर में बालिका का आपरेशन हो जाने के बाद 12 दिसम्बर को जिले में लौटे और अब बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं और अच्छे ढंग से खेल कूद रहे हैं।

आरबीएसके के प्रबन्धक राकेश तिवारी का कहना है कि इन डाक्टरों की जितनी प्रशंसा की जाये कम है क्योंकि यह रात दिन काम करके ऐसे बच्चों को खोजकर उनका उपचार करा रहे हैं। मण्डलीय चिकित्सालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक बैनर लगाने के साथ ही टीम द्वारा लगातार घर- घर व केन्द्र पर आने वाले लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि यदि किसी बच्चे का इस प्रकार से जन्म से शिकायत है तो राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निःशुल्क उपचार करा सकता है।

गुरूसण्डी ग्राम निवासी शिव प्रसाद ने कहा कि मेरी छह वर्षीया बेटी के मूक-बधिर होने के कारण परिवार काफी परेशान था। एक दिन क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता ने बताया कि केन्द्र पर लगने वाले आरोग्य मेला में बच्ची को लेकर आइये, जब मैं आरोग्य मेला में गया तो आरबीएसके की टीम के डा. हिमांशु ने कहा कि बिल्कुल डरने की आवश्यकता नही है। इनको केन्द्र पर भर्ती करा दीजिए इनका उपचार टीम के द्वारा किया जायेगा। उसके बाद टीम के डाक्टरों की मदद से बच्चे का सफल आपरेशन हुआ और आज मेरी बेटी पहले की तरह खेल कूद रही है व पूरी तरह स्वस्थ है।

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