Khula Sach
ताज़ा खबरमनोरंजनमीरजापुरराज्य

Mirzapur : सच क्या हरदम सच बोले, सच क्या कोई बच्चा है…!

मंडलस्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में कवि सम्मेलन का आयोजन

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में जीआईसी के सामने बीएलजे के खेल मैदान में आयोजित प्रदर्शनी में वृहस्पतिवार की शाम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने की। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री अतिथि जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी ध्यानचंद थे। इसमें जिला सूचना अधिकारी डॉ पंकज कुमार विशिष्ट रहे।

कवि सम्मेलन का आगाज जाने माने नवगीतकार शुभम श्रीवास्तव ओम के सरस्वती वंदना से हुआ। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि भोलानाथ कुशवाहा ने सुनाया- “रात गयी फिर दिन गया, छूटा सबका साथ। भीड़ किनारे हो गयी, मिला मिला कर हाथ। शुभम श्रीवास्तव ओम ने सुमधुर स्वरों में अपनी रचना का पाठ करते हुए सुनाया-” सच क्या हरदम सच बोले,सच क्या कोई बच्चा है। जान रहे सब लेकिन चुप, सबको सबसे खतरा है। कौन यहाँ बेबाक बने,सब का आगा पीछा है।” डॉ सुधा सिंह ने सुनाया- “हर वीर को नमन,हर शौर्य को नमन। वतन के हर शहीद को सौ बार है नमन।” कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे आनंद अमित ने सुनाया- “आखिर क्यों न हो जग में अपना सम्मान बड़ा, अँधियारों से लड़ने वाला हमने दीप गढ़ा।” इरफान कुरैशी ने पढ़ा-“लोग फायदा उठा रहे हैं अपनी परसनालिटी से, जबकि खुद ही गिर गये हैं क्वालिटी से।” इसके साथ ही श्याम अचल, अश्क रज्जाकी, आशीष श्रीवास्तव व अमरनाथ सिंह ने भी काव्य पाठ किया।

खादी एवं ग्रामोद्योग की इस मंडल स्तरीय प्रदर्शनी के मंच पर प्रारम्भ में जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी ध्यान चंद्र ने सभी कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर जिला सूचना अधिकारी डॉ पंकज कुमार ने कवियों की रचनाओं की तारीफ की और कहाकि खादी के माध्यम से महात्मा गांधी जी ने लोगों में आत्मबल की नयी चेतना जागृत की। इस कार्यक्रम में पत्रकार संजय दुबे व नितिन अवस्थी की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।

Related posts

Daily almanac & Daily Horoscope : आज का पंचांग व दैनिक राशिफल और ग्रहों की चाल 18 दिसंबर 2020

Khula Sach

बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) को  ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाया जाना जनजातीय समुदाय के लिए गर्व की बात है : राजेश मित्तल

Khula Sach

सपनों का कोई जेंडर नहीं होता

Khula Sach

Leave a Comment