Khula Sach
अन्यताज़ा खबरमनोरंजन

Poem : राखी का त्यौहार

✍️  प्रतिभा दुबे, (ग्वालियर, मध्य प्रदेश)

सावन का त्योंहार हैं राखी,
भाई बहिन का प्यार है राखी।
बरस रहा है अमृत अंबर से,
ईश्वर का आशीर्वाद है राखी।।

प्रेम से भरा बरस रहा सावन,
राखी का उत्सव मन भावन।
प्रीत की डोर बांधे हर बहिन,
भाई की कलाई पर पावन।।

हल्दी रोरी चावल मिठाई से,
सज रही हर घर की थाली।
घेवर मलाई से सजा हुआ है,
महकें दुकानें मिठाई वाली।।

लगी भीड़ फिर बाजारों में,
रौनक छाई है राखी वाली।
सज रहे गलियारे राखी से,
हर राखी यहां रक्षा वाली।।

अपने भैया की रक्षा करती,
बहिन की राखी मन्नत वाली।
देती आशीष बहिन भाई को,
कोई मन्नत न जाए खाली।।

राखी का त्यौहार है आता,
मायके की बहुत याद दिलाता।
खिल जाती है मन की डाली,
जब भैया ससुराल से लेने आता।।

Related posts

कितना बदल गये हो तुम

Khula Sach

Mirzapur : लालगंज जमीन मुआवजे के मामले में अपनी-अपनी गोटी लाल करते लोग!

Khula Sach

एमजी एस्टर के यह 5 शानदार फीचर्स बनाते हैं उसे बेहद प्रतिस्पर्धी मिड-साइज एसयूवी

Khula Sach

Leave a Comment