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Mirzapur : कोटारनाथ महादेव पर लगा भक्तों का तांता

मीरजापुर, (उ0प्र0) : विकास खंड हलिया के अदवा नदी में अत्यंत प्राचीन स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पौष मास की त्रयोदशी के पर्व पर दूसरे दिन भक्तों की लंबी कतारें लग गई। नदी के टीले पर अवस्थित भगवान शिव के मंदिर में कड़ाकेदार ठंडी के बाद भी सुबह से ही महिला पुरुष शिव भक्तों द्वारा नदी के ठंडे पानी मे स्नान कर लंबी कतारें लग गई। शिव भक्तों के दर्शन पूजन के लिए पुलिस द्वारा बनाई गई बैरिकेडिंग में महिला के तरफ महिला पुलिस और पीएसी आरक्षी बल स्थानीय इलाका उपनिरीक्षक के साथ भक्तों को पंक्ति वद्ध ढंग से दर्शन कराने का सिलसिला चलता रहा इस दौरान उपजिलाधिकारी लालगंज जंग बहादुर सिंह द्वारा कोटार धाम मेले का भ्रमण कर चाक-चौबंद सुरक्षा का निरीक्षण किया गया, तथा संतोष व्यक्त किया गया। उनके साथ उपनिरीक्षक मोती सिंह यादव सहित अन्य भक्त गण मौजूद रहे। समाचार लिखे जाने तक लगभग 50,000 भक्तों के दर्शन पूजन का अनुमान पुजारी शिवराम गिरी द्वारा बताया गया। प्रभारी निरीक्षक हलिया राजेश कुमार सिंह द्वारा मेला क्षेत्र का भ्रमण किया जाता रहा, तथा इस दौरान मेला क्षेत्र में अराजक शरारती जैसे तमाम लोगों कड़ी नजर रखी जाती रही।सब कुछ शांति ढंग से भक्तों के दर्शन पूजन का कार्यक्रम चलता रहा। मेला परिसर मे आये शिवभक्तों द्वारा अपनी मन्नत पूरी करने हेतु शिवपूजन, कथा, हवन, भोजन भोग प्रसाद चढ़ावा का कार्यक्रम चलता रहा। क्षेत्रीय श्रद्धालुओं द्वारा अनादि देव भगवान के जलाभिषेक मनौतियां आदि के साथ माता गौरा देवी का पूजन बगल स्थिति गौरा देवी मंदिर मे चलता रहा।

मेले की खल झलकियां

मेले में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए बड़ी वाहनों को 200 मीटर दूर ही रोक दिया था। वहीं मेले में दूर दूर से आए भक्त बहुत ही आस्था पूर्वक कोटारनाथ महादेव को बड़ी आस्था पूर्वक बेलपत्र, मदार, माला फूल, धूप अगरबत्ती, नारियल आदि प्रसाद के रूप में लेकर सीढ़ी के नीचे से ही पंक्ति में खड़े हो कर बाबा की जयजयकार लगाते हुए बाबा के शिवाला की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे।

मेले में दिखा सेल्फी का नजारा

मेले में कहीं पहाड़ के नीचे तो कहीं बहते नदी के झरनों पर, तो कहीं पेड़ के नीचे लोग सेल्फी लेते हुए देखे। जगह जगह फोटो खींचने वाले अपना अपना स्टूडियो बनाकर मेले की शोभा में चार चांद लगा रहे थे। किसी के पास बैंजो किसी के शेर रखा हुआ था जिसके वजह से लोग खुद वहां खिचें चले आ रहे थे।

मेले में दिखा छिटवा और दौरी

मेले में जगह जगह हाथों से बने छिटवां और दौरी बिक रहे थे जो घरेलू काम काज में बहुत उपयोगी होते है और यहां के छिटवा, दौरी के लिए भी यह मेला बहुत मशहूर है। जो बहुत लोग यह खरीदने के लिए भी आए थे।

मेले में लोगों ने खूब चखा गुड़ से बनी जलेबी का स्वाद

बताया जाता है कि इस मेले में में दूर से आए लोग गुड़ के बने जलेबी का भी खूब लुफ्त उठा रहे थे। मेले में भोपा बेचने वालों को भी खूब चांदी कटा। मेले में बच्चों के दफ्ती से बना भोपा की भी बिक्री हुई इस मेले में जगह जगह लोग भोपा बजाकर मेले की शोभा बढ़ा रहे थे।वहीं मेले में नदी के किनारे लोग लिट्टी चोखा बनाकर अपने परिजनों के साथ दर्शन पूजन के साथ पिकनिक का भी आनंद ले रहे थे। मेले में ताबीज बेचने वाले, रिंग फेकने वाले और लूडो खेलवाने वाले भी मेले में अपनी हाजिरी लगाई।

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