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यूजर की डेटा प्राइवेसी से जुड़ी प्रथाओं पर बिहेवियरल रिसर्च

मुंबई : बिहेवियरल साइंस विशेषज्ञ, सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज (सीईबीसी), अशोका विश्वविद्यालय और बुशरा सेंटर फॉर बिहेवियरल इकोनॉमिक्स ने सोशल इम्पैक्ट पर फोकस करने वाली इन्वेस्टमेंट फर्म ओमिडयार नेटवर्क इंडिया के समर्थन से भारत और केन्या में अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ा बिहेवियरल प्रयोग पूरा कर लिया है। उन्होंने मूल्यांकन किया कि क्या एंड-यूजर्स को अधिक गोपनीयता के प्रति जागरूक किया जा सकता है, और क्या बेहतर प्राइवेसी प्रैक्टिसेस व्यावसायिक लाभ प्रदान करती हैं।

प्रयोग के दौरान यूजर्स में निजता संबंधी व्यवहारों को प्रभावित करने वाले विरोधाभासों पर नजर डाली गई, जैसे यूजर्स अपनी निजता को बचाए रखना चाहते हैं पर अपनी एक्शन पर कोई जवाबदेही नहीं चाहते। ग्लोबल साउथ में डेटा प्राइवेसी प्रैक्टिसेस को बेहतर बनाने के लिए बुशरा और सीएसबीसी ने इन परिस्थितियों में यूजर्स के व्यवहार को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रयोग में यूजर्स के निजता संबंधी व्यवहारों को प्रभावित करने के लिए डिज़ाइन किए गए विभिन्न पहलू थे, जैसे निजता नीति को अधिक दृश्यात्मक तरीके से प्रस्तुत करना, यूजर्स को एक निश्चित अवधि के लिए पॉलिसी पेज पर बने रहना और बिजनेस की प्राइवेसी पॉलिसी पर स्टार रेटिंग का उपयोग कर गुणवत्ता को रैंकिंग देना।

अशोका यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज की वरिष्ठ सलाहकार पूजा हल्दिया ने इस पहल के बारे में कहा, “हमारे द्वारा किए गए प्रयोगों से प्रथाओं की पहचान करने में आशाजनक परिणाम मिले हैं जो सहमति प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। यूजर हमेशा अपने लिए सही विकल्प बनाने में सक्षम नहीं होते हैं और व्यवसायों को निजता को सबसे आगे रखने के लिए हमेशा प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है। डेटा की निजता के माहौल में सार्थक बदलाव को बेहतर रेगुलेशन और प्लेटफॉर्म की डिजाइन में ही निजता की सुविधाओं को एकीकृत कर लाया जा सकता है। सेवा प्रदाताओं और नीति निर्माताओं के साथ काम करने से इन विरोधाभासों को सामने लाने और वास्तविक बाजार सेटिंग में टेस्टिंग करने से देश में निजता के माहौल को बेहतर बनाने के लिए हमारे काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। ”

ओमिडयार नेटवर्क इंडिया की पार्टनर शिल्पा कुमार ने कहा, “भारत का लक्ष्य हर भारतीय को सशक्त और सुरक्षित महसूस करने में सक्षम बनाना है, जब वह ऑनलाइन हो। ताकि वह तकनीक का लाभ उठाए और अपने जोखिमों को कम करते हुए कम से कम नुकसान उठाए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम उन प्रयासों का समर्थन करते हैं जो डेटा और अटेंशन इकोनॉमी के लाभों और जोखिमों को आगे बढ़ाते हैं, साथ ही लोगों को खुद को ऑनलाइन नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाने में सक्षम बनाते हैं। वैश्विक नियमों को विकसित करने के साथ-साथ इन्टैक्ट की पहल बताती है कि अन्य तरीकों के बजाय व्यक्तिगत सेवा को सुरक्षित रखने के लिए जवाबदेही होनी ही चाहिए। यह उपभोक्ता हित के अन्य क्षेत्रों जैसे खाद्य सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अनुरूप लिए निर्धारित प्रक्रिया से मेल खाता है। इससे यह भी सामने आता है कि निजता एक व्यावसायिक मामला है – उपभोक्ता अधिक डेटा साझा करते हैं यदि उन्हें विश्वास है कि सेवा प्रदाता जिम्मेदारी से इसका उपयोग करेगा।”

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