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Poem : फौजी मेंटल

✍️  पूजा गुप्ता, मिर्जापुर (उ.प्र.)

बीमार माता-पिता
बहन की शादी व पढ़ाई
भाई का रोजगार
रक्षाबंधन
उत्सव, मेले
होली, दिवाली व
सभी त्यौहार
रिश्तें, नाते
यार, दोस्त
प्यार, परिवार
घरेलू एवं व्यक्तिगत
जिम्मेदारियों से
कहीं ज्यादा प्यारी है
एक सैनिक के लिए सरहद
जिसका निर्वाह
वह अपना संपूर्ण जीवन
अदायगी से करता है

और… झेलता है
बड़ी बड़ी तकलीफें
खुशी-खुशी
जंगलों, पहाड़ों में
सांप, बिच्छू व
जंगली जानवरों के बीच रहकर
अपनी इच्छाओं को मार
कड़कती ठंड में
अपलक जगकर
पूरे देश को चैन की नींद सुलाना
और खुद
जनरल डब्बे में
शौचालय के पास
नीचे बैठ कर सफर करना

और फिर ऊपर से
फौजी कटिंग देखकर
दुकानदारों द्वारा लूटना
हँसकर फौजी मेंटल कहना
खलता तो बहुत है साहिब!
पर… समायोजित करना पड़ता है
यह सोच कर कि…
मेंटल ही हैं
इसी लिए तो …
बीस हजार फुट की
ऊंची बर्फीली चोटियों पर
घर परिवार से दूर रहते हैं
वो सच ही तो कहते हैं

जितना गर्व स्वतंत्रता दिवस
और गणतंत्र दिवस पर
भारतीय तिरंगा फहराने पर करते हैं
उतना गर्व तो एक सैनिक
हर रोज अपनी वर्दी
पहनते समय करता है
उसके लिए
कोई विशेष दिन नहीं होता
वो जब ठान लेते हैं तो…
हर दिन को विशेष बना देते हैं।।

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