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राम कथा के दूसरे दिन सती चरित्र व शिव विवाह का किया गया वर्णन

कथा श्रवण के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

मीरजापुर : सादी बनकट गाँव में चल रहे राम कथा के दूसरे दिन  नैमिषारण्य सीतापुर से पधारी कथा व्यास साक्षी जी महराज ने सत्ती चरित्र व शिव शिव विवाह का सुन्दर वर्णन किया। व्यास ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई।

बनक्टेश्वर धर्म सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा में पधारी साक्षी जी ने श्रोताओं को सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था और जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं।

 

ओप्पोपिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया। इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा। रात करीब 7:00 बजे कथा विश्राम के बाद मुख्य यजमान रणविजय व पत्नी रिंकी सिंह ने व्यासपीठ की आरती उतारी। इस अवसर पर भदोही संसद प्रतिनिधि राकेश बिन्द, प्रधान प्रतिनिधि बऊ पाण्डेय, बृजेश गोंड, अजय सेठ, कुंवर सिंह, मान सिंह सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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