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रब्बी गुरूजी के एक्जामिनर (परीक्षक) बनने से क्या येशु को मिल पायेगा स्कूल में दाखिला ?

मुंबई : एण्डटीवी के शो ‘येशु’ के हाल ही में प्रसारित हुए एपिसोड्स में हमने देखा था कि रब्बी गुरूजी (विक्की आहूजा) की बेटी नीमा (वैष्णवी प्रजापति) की येशु (विवान शाह) से मुलाकात होती है। वह बहुत ज्यादा दुखी है क्योंकि उसके अंधे होने के कारण उसके पिता बार-बार उसका तिरस्कार करते है। रब्बी गुरूजी ने अपनी बेटी नीमा और येशु के बीच बढ़ रही दोस्ती पर गौर किया। इस अवसर का फायदा उठाते हुए, वह येशु को नीमा की आंखों की रोशनी वापस लाने की चुनौती देता है। येशु इस चुनौती को स्वीकार करता है और नीमा को वह सर्वशक्ति पर विश्वास करने के लिए कहता है क्योंकि वही एक अटूट शक्ति है जोकि नीमा की मदद कर सकती है। इसी के साथ वह नीमा की आंखों की रोशनी वापस देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी करता है। उसकी प्रार्थना का जवाब उसे मिलता है और नीमा को उसकी आंखों की रोशनी मिल जाती है। हालांकि वह इसके लिए येशु को धन्यवाद देती है, लेकिन रब्बी गुरूजी पासा तब पलट देते हैं जब वह हर किसी को इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि यह चमत्कार उनके द्वारा किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ, गांव वालों को ये पता चलता है कि स्कूल दोबारा खुल चुके हैं, लेकिन बच्चों का एडमिशन होगा या नहीं, यह प्रवेश परीक्षा के साथ तय होगा जिसका निरीक्षण और संचालन किसी और के नहीं बल्कि रब्बी गुरूजी द्वारा किया जाएगा। क्या येशु पास होकर स्कूल ज्वाइन करेगा या गुरूजी इस अवसर को भी युवा येशु के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे? इस एपिसोड के बारे में बात करते हुए, नीमा (वैष्णवी प्रजापति) ने कहा, ष्इस एपिसोड में दर्शक देखेंगे कि कैसे नीमा, नास्तिक से आस्तिक में बदलकर भगवान पर विश्वास करेगी। अपनी आंखों की रोशनी पाने के बाद वह जीवन भर के लिए खुद को येशु का कर्जदार महसूस करती है और उसके सामने झुक जाती है। येशु की ये जीत रब्बी गुरूजी को बिलकुल रास नहीं आ रही और वह अभी भी ये योजना बना रहे हैं कि कैसे वो उसे इस गांव से निकाल सकें। अब इसी के साथ गुरूजी स्कूल में दाखिला लेने के लिए सबका टेस्ट लेते हैं और वो येशु से ये सवाल करते हैं कि अगर हर किसी में भगवान है तो क्या वह भेड़ों से बात कर सकता है? येशु गुरूजी के इस टास्क को पूरा करेगा या फिर वह इस टेस्ट में असफल हो जाएगा?

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