रिपोर्ट : बृजेश गोंड
मीरजापुर, (उ.प्र.) : कोरोना जैसी महामरी का सामना करने बाद अब जिले के सभी केन्द्रों पर मेलों का आयोजन किया जाने लगा। कोरोना की वजह से लोग मेले में लोगों के न पहुंचने से बाल विकास विभाग में तैनात सभी 2668 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में मेले के आयोजन के विषय में व उसका लाभ लेने के लिए विस्तारपूर्वक समझाने के बाद अब लोग मेले में समय से पहुंचकर स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ लिया।
बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी से लड़ने के बाद जिले के लोग भीड़ भाड़ व किसी भी प्रकार के मेले में जाने से घबराने लगे। अब प्रदेश शासन के निर्देश के बाद हम जिले के 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 44 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित 216 उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर भी स्वास्थ्य सम्बन्धी मेला का पुनः शुरूआत हुआ। जिस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने केन्द्रों पर आने वाली महिलाओं व गर्भवती महिलाओं को मेले के महत्व के बारे में बताया। केन्द्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा मेले की निगरानी रखते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए महिलाओं का मार्गदर्शन किया गया। उन्होने ने कहा कि स्वस्थ्य रहने के तरीके से न रहने पर नवजात बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आ जाते है। स्वास्थ्य को लेकर सभी महिलाओं को गम्भीर होना चाहिए। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने से गर्भवती माहिलाओं के शरीर में खून की अत्यन्त कमी होने लगती है। जिससे नवजात शिशु जन्म लेने के बाद वह हमेशा अस्वस्थ्य रहता है। जिसके कारण शिशु को भी हमेशा उपचार की जरूरत पड़ती है। यदि गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्य सक्रिय रहने पर बच्चा अत्यन्त स्वस्थ्य पैदा हो सकता है। उससे गर्भवाती महिलाओं को बीमार पड़ने की कम उम्मीद होती है।
नगर सीटी ग्रामीण के बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश कुमार ने बताया कि इस बार सभी केन्द्रों आयोजित मेले में जिले के 640 गर्भवती महिलाओं की जांच, 2116 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, 593 बच्चों के खून की जांच, 2008 बच्चों का वजन, 49 बच्चों का टीकाकरण समेत 1252 लोगों को आयरन की गोलियां विभाग की ओर से दिया गया है। जो बच्चे और महिलायें अत्यन्त गम्भीर पाये गये उनको मंडलीय चिकित्सालय के उपस्थित डाक्टरों ने भेजने का कार्य किया। महिलाओं को बीमारी से बचने के लिए समय.समय पर टीकाकरण लगाने के विषय पर भी विस्तारपूर्वक महिलाओं को उपस्थित डाक्टरों द्वारा समझाया गया है। इस अवसर पर भी गर्भवती महिलाओं को मीठी दलिया खिलाकर उसे महत्व को बताया व उसके गुणों से होने वाले फायदें के विषय में भी महिलाओं को बताया गया है। उपस्थित केन्द्र पर लाभार्थी सुमन त्रिपाठी व नीलम त्रिपाठी ने बताया कि समय.समय पर ऐसे मेले का आयोजन होने से हम गर्भवती महिलाओं को बहुत कुछ जानकारी मिलने में मदद होती है। बच्चे को कैसे रखना है यह भी इस मेले में सिखाया व बताया जाता है। इस दौरान क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताए सखी सहेली व एएनएम उपस्थित रही।