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आउटडोर खेलकूद की कमी के कारण बच्चों में बढ़ रहा है संवेदी समस्याएं: डॉ तिवारी

वाराणसी : विकासात्मक देरी वाले बच्चों में संवेदी एकीकरण की समस्या विषयक एकदिवसीय ऑनलाइन सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम नई सुबह मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार विज्ञान संस्थान, वाराणसी द्वारा आयोजित तथा भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नई सुबह संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अजय तिवारी कहा कि सतत् पुनर्वास शिक्षा दिव्यांगता के क्षेत्र में सेवा प्रदान कर रहे विशेषज्ञों की विशेषज्ञता एवं कौशल में वृद्धि करता है। वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार तिवारी ने “संवेदी एकीकरण चिकित्सा” पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आधुनिक समय में एकांकी परिवार होने के कारण बच्चों में आउटडोर एक्टिविटी कम होता जा रहा है जिससे उनमें अनेक प्रकार की संवेदी एकीकरण की समस्याएं उत्पन्न हो रही है जिन्हें प्रशिक्षित विशेषज्ञों के देखरेख में संरचित खेलकूद की गतिविधियों से व्यवस्थित किया जा सकता है। कार्यक्रम को मुख्य रूप से नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ ज्योत्सना सिंह ने “संवेदी प्रक्रिया को कौन से विकृति प्रभावित करते हैं” पुनर्वास मनोवैज्ञानिक अर्पिता मिश्रा ने “संवेदी प्रक्रिया की समस्याओं” तथा प्रज्ञा मित्रा ने ‘बच्चों में संवेदी प्रक्रिया विकृति के उपचार” के बारे में विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्से से विशेषज्ञ जुड़कर लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमित तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन गौरव ने किया।

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