परिषद का रुप रहेगा या ट्रस्ट का यह स्पष्ट नहीं
रिपोर्ट : सलिल पांडेय
मिर्जापुर, (उ.प्र.) : वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर तथा अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि के लिए सरकारी स्तर पर ट्रस्ट गठित है । यहां श्री विंध्य धाम विकास परिषद के गठन के सरकारी एलान के बाद अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है कि जिस तरह की व्यवस्था वाराणसी और अयोध्या में है, उसी तरह की व्यवस्था विन्ध्याचल में होगी या उससे भिन्न व्यवस्था होगी।
शुक्रवार, 25 जून की शाम जब संचार माध्यमों में इस तरह की खबरें राजधानी लखनऊ से प्रसारित हुईं तो यहां भी इस एलान का स्वागत किया गया। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र का दावा है कि यह परिषद धाम के बहुमुखी विकास के लिए गठित किया गया है।
ट्रस्ट और परिषद में क्या भिन्नता, तत्काल स्पष्ट नहीं हो सकी
इस घोषणा पर कुछ लोगों ने राय व्यक्त की यहां भी व्यवस्था ट्रस्ट जैसी होगी। विन्ध्याचल में लगभग 40 वर्ष पूर्व रजिस्ट्रार, सोसाइटी एंड चिट फंड के तहत गठित होने वाले NGO की तरह विंध्य विकास परिषद का गठन हुआ था जिसमें जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा नगर मजिस्ट्रेट पदेन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव बनाए गए थे। इस परिषद का उद्देश्य मंदिर व्यवस्था की देखभाल के लिए धन एकत्रित करना था। इसके लिए उसी वक्त से मन्दिर में दानपात्र रखे गए और उससे प्राप्त धन से मन्दिर में व्यवस्था का सिलसिला शुरू हुआ था।
स्थितियां बदल रही है। विंध्य कॉरिडोर में भारी स्तर पर मुआवजा देकर निर्माण आदि करा रही सरकार धाम के विकास के लिए कौन सा कदम उठाएगी, यह नए परिषद का विस्तृत विवरण आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
नए परिषद के गठन के सरकारी एलान के बाद 40 साल पहले से कार्यरत विंध्य विकास परिषद का स्वरूप क्या होगा, इस संबन्ध में DM प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि शासन के नए निर्णय का विस्तृत विवरण आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
ट्रस्ट में हैं मुख्य कार्यपालक अधिकारी
वाराणसी के ट्रस्ट में मुख्य कार्यपालक अधिकारी तैनात हैं। इन दिनों वहां वरिष्ठ PCS अधिकारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। विन्ध्याचल में भी मुख्य कार्यपालक अधिकारी की तैनाती का उल्लेख ताजा निर्णय में किया गया है। अतः आकलन यही निकाला जा रहा है कि यहां का भी स्वरूप ट्रस्ट जैसा ही हो सकता है।