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कपड़े से तैयार सैनिटरी पैड्स के उपयोग से जुड़ी गलतफ़हमियों को दूर कर रहा हैं ‘अवनि’

मुंबई : परंपरागत मासिक स्वास्थ्य से जुड़ा स्‍टार्टअप अवनि, मासिक धर्म के दौरान कपड़े से तैयार किये जाने वाले सैनिटरी पैड्स के उपयोग से जुड़ी गलतफ़हमियों को दूर करने की दिशा में कार्य करता रहा है। यह स्टार्टअप मासिक देखभाल की परंपरागत, भारतीय विधियों को फिर से स्थापित करने के प्रति संकल्पित है। यह ब्रांड अच्छी तरह से जांचे-परखे, नये उत्पादों को उपलब्ध कराता है ताकि पीरियड्स के दौरान उन उत्पादों की मदद से महिलाएं अपनी स्वच्छता का ख्याल रख सकें। उक्त उत्पादों को प्रामाणिक भारतीय विधियों के जरिए तैयार किया गया है।

परंपरागत मासिक स्वास्थ्य स्टार्टअप-अवनि की सह-संस्थापिका, सुजाता पवार ने बताया, “वाणिज्यिक कंपनियां कपड़े वाले पैड्स के उपयोग को वर्षों से खतरनाक बताती रही हैं। हालांकि, यह बिल्‍कुल गलतफहमी है कि कपड़े वाले पैड्स अस्वास्थ्यकर या हानिकारक होते हैं। इसके विपरीत, साफ-सुथरे कपड़ों से तैयार किये जाने वाले पैड्स रसायनों से मुक्त और त्वचा के लिए फ्रेंड्ली होते हैं, और इनसे न तो पर्यावरण और न ही महिलाओं को ही कोई नुकसान पहुंचता है। हम जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं और महिलाओं को अधिक उपयुक्त समाधान उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।”

इस ब्रांड के मौजूदा उत्पादों में अवनि ईजीपैड्स, कॉटन-आधारित पैड्स; अवनि सेफ पैड्स, कपड़े से तैयार पैड्स; और मेंस्ट्रुअल कप्‍स शामिल हैं। ये सभी उप्ताद कम अपशिष्ट पैदा करने वाले, स्किन-फ्रेंड्ली, सैनिटेशन वर्कर्स के लिए फ्रेंड्ली, और संक्रमण-रहित हैं। ये उत्‍पाद विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए बेहद उपयुक्त हैं जिनकी त्वचा संवेदनशील है और जि न्हें उनके पीरियड्स को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए ऑर्गेनिक समाधान की आवश्यकता है।

मुंबई की 33-वर्षीया देवोपमा सेन ने बताया, “मेरी त्वचा काफी सेंसिटिव है और पीरियड्स के दौरान मॉइश्चर एवं पैड्स के चलते होने वाले रैशेज को संभाल पाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण था। मैं कई उत्पादों को आजमा चुकी थी, हालांकि वे सभी बेकार रहे। मैंने अवनि सेफपैड्स का उपयोग किया और मेरे आश्‍चर्य का ठिकाना नहीं था कि कपड़े से तैयार किये गये इन पैड्स से मुझे बेहद आराम मिला। वे दूसरे पैड्स की तरह ही थे, लेकिन उनसे त्वचा पर रैशेज नहीं हुए, उनकी अवशोषण क्षमता अच्‍छी थी और वो स्किन-फ्रेंड्ली भी थे।”

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