महिला का प्रसव कराकर खुद भी हो गई कोरोना पाजेटिव
रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा
मिर्जापुर, (उ.प्र.) : जनस्वास्थ्य सुविधाएं अगर बेहतर तरीके से सुदुर क्षेत्रों में काफी सुविधा प्रदान की जा रही हैं तो कहीं न कहीं धरातल पर उसको सही तरीके से पहुंचाने वाले वहां के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। रितु सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरकछा कलां पर स्टाफ नर्स के पद पर तैनात है। पिछले 06 वर्षो से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत है। इनका कार्य अत्यन्त सराहनीय रहा।
स्टाफ नर्स रितु बरकछा क्षेत्र में कई बार आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को प्रसव के लिए जरूरत पड़ने पर आर्थिक सहायता भी प्रदान की है।
बिना डरे कोरोना पीड़ित महिला का कराया प्रसव
कोरोना वैश्विक महामारी में तमाम महिलाओं को कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। उसी में नीलू पत्नी कल्लू स्वास्थ्य केन्द्र से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी बरौधा कचार की रहने वाली है। इनके पति दिल्ली से मई माह में लौटे थे जो पहले कोरोना पाॅजिटव थे उनके संपर्क में आने से उनकी पत्नी जो आठ माह से अधिक समय की गर्भवती थी वह भी पाॅजिटव हो गई जिसके कारण इनके घर मे किसी का आना जाना नहीं होता और महिला इस स्थिति में भी नही थी कि इनको चिकित्सालय तक ले जाया जा सकें, साथ ही इनके पति के अलावा कोई भी महिला इनके परिवार में नहीं थी जिससे महिला को मदद मिल सके, ऐसे में पड़ोस के एक व्यक्ति अमित ने देर रात को स्टाफ नर्स रितु को फोन पर सारी बात बतायी | रितु ने बिना देर किये केन्द्र पर एम्बुलेन्स चालक राजेन्द्र की मदद से उसको केन्द्र पर ले जाया गया और सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए स्टाफ नर्स रितु ने कोविड सेन्टर में सुरक्षित प्रसव कराया। रितु के समय पर मदद की वजह से मां व बच्चे दोनों को जीवन मिला। महिला एक सप्ताह तक केन्द्र पर रही और पूरी तरह स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गयी | स्टाफ नर्स के प्रयास और लगन से शिशु को नया जीवन मिला लेकिन वही सारी सावधानियां बरतने के बाद भी स्टाफ नर्स रितु खुद कोरोना से संक्रमित हो गयी और टेस्ट कराने पर पता चला कि उनका परिवार पति समय दोनों बच्चे भी इससे संक्रमित हो गया | रितु बताती है कि कोरोना पाॅजिटव होने पर भी मैने हिम्मत नहीं खोयी और खुद को ठीक करके फिर से ड्यूटी जॉइन कर अपना काम शुरू कर दिया |