मुंबई/पनवेल : समुदाय के प्रति सामाजिक कल्याण करने की अपनी परंपरा को ज़ारी रखते हुए पनवेल में स्थित आर जे संकरा आई हॉस्पिटल ने कॉग्निजेंट फाउंडेशन एंड मिशन फॉर विज़न के सहयोग से हाल ही में पनवेल तालुक के 80 स्कूलों से 35,560 छात्रों के लिए एक नि:शुल्क नेत्र जांच और परीक्षा शिविर – मिशन रोशनी का आयोजन किया। इनमें से 1,123 (3.5%) बच्चों के लिए चश्मा आवश्यक पाया गया और 969 बच्चों को मुफ्त चश्मा दिया गया। साथ ही, पांच बच्चों में मोतियाबिंद पाया गया तथा 101 बच्चों में स्ट्रैबिस्मस का निदान किया गया। मोतियाबिंद और स्ट्रैबिस्मस से पीड़ित बच्चों का अस्पताल में नि:शुल्क इलाज किया गया। इसके साथ ही नौ बच्चों की आंखों का नि:शुल्क ऑपरेशन भी किया गया।
पनवेल स्थित आर जे संकरा आई हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ. अंकिता पाटिल ने कहा: “ज्यादातर बच्चे आंखों से संबंधित कोई समस्या होने पर भी शिकायत नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि उनकी दृष्टि असामान्य है। इसके अलावा, अज्ञात दृष्टि समस्याओं का बच्चे के बौद्धिक और सामाजिक विकास के सभी पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, बच्चों के लिए नियमित रूप से आंखों की विस्तृत जांच करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। हमने पनवेल तालुक के स्कूलों में आंखों की जांच की ताकि यह विश्लेषण किया जा सके कि छात्रों को आंखों की कोई गंभीर समस्या तो नहीं है। शिविर के बाद हमने जरूरतमंद छात्रों को मुफ्त इलाज और पॉवर वाले चश्मे प्रदान किए और मिशन रोशनी शिविर के तहत सहायता की आवश्यकता होने पर स्कूल किसी भी समय हमसे संपर्क कर सकते हैं।“
रायगढ़ के जिला परिषद एवं सर्व शिक्षा अभियान के साथ जुड़े श्री सुनील चौहान ने कहा: “हम बहुत आभारी हैं कि संकरा आई हॉस्पिटल ने हजारों छात्रों की आंखों की जांच करने की पहल की है। इससे निश्चित रूप से समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को मदद मिलेगी। हमने सर्व शिक्षा अभियान योजना के तहत आने वाले स्कूलों को कवर किया है और हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे।
संकरा आई हॉस्पिटल गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल की अनुपलब्धता और गैर-वहनीयता की चुनौतियों का समाधान करके नेत्र देखभाल क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोतियाबिंद के कारण आँखों की रोशनी गवाने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में संकरा का लक्ष्य अनावश्यक अंधेपन को खत्म करना है। इस मानवीय कार्य की गति को उन लोगों के उदार समर्थन से आगे बढ़ाया जाता है जो अपनी क्षमता के अनुसार संकरा को आर्थिक योगदान देते हैं। इससे वंचित लोगों को किफायत में आंखों की देखभाल प्रदान करने के हमारे मिशन में सहायता मिलती है।