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Mirzapur : महिला उत्पीड़न के विषय में डीएम ने ली अधिकारियों की क्लास

– मामलो में मिलेगी निशुल्क कानूनी सहायता 

– सभी कार्यालयो में शिकायत समिति गठित करने का दिया गया निर्देश

एस.एन.एन. ब्यूरो

मिर्जापुर, (उ0प्र0) : डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग के विभिन्न सरकारी कार्यालयो, निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनो एव असंगठित क्षेत्र पर कार्य करने वाली महिलाओ को यौन उत्पीड़न को रोकने एवं नियोक्ता को जिम्मेदार बनाते हुये कार्यवाही करने के सम्बन्ध में एक बैठक आहूत की गयी। बैठक में घरेलू हिंसा एवं पारिवारिक झंगड़े आदि मामलो में उत्पीड़न को रोकने हेतु महिलाओ एवं बालिकाओ के प्रति जन जागरूकता एवं साक्षरता के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन को निर्देशित करते हुये कहा कि जिन कार्यालयो में कम से कम 10 कर्मचारी कार्य करते है तो प्रत्येक नियोक्ता/कम्पनी को एक अतिरिक्त शिकायत समिति का गठन करने की कार्यवाही एक सप्ताह के अन्दर सुनिश्चित करा लिया जाय। उन्होने कहा कि 10 से कम कर्मचारियो वाले नियोक्ताओ/कम्पनियो का पर्यवेक्षण जिला स्तर पर गठित स्थानीय समिति के द्वारा किया जायेगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अभी तक 82 कार्यालयो में समिति का गठन कर लिया गया है शेष कार्यालयो को एक सप्ताह के अन्दर गठन करने के लिये नोटिस भेजन का निर्देश दिया। जिलाधिकारी द्वारा अभी तक उत्पीड़न से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतो एवं निस्तारण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। यह भी कहा गया कि यदि किसी अपराध में कोई महिला संलिप्त है तो और उसकी गिरफ्तारी करनी है तो महिला पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी की जायेगी तथा सूर्यास्त के बाद किसी भी अपराधिक महिला की गिरफ्तारी नही होगी। उन्होने मीडिया बन्धुओ एवं सोशल मीडिया संचालित करने वालो से अपील करते हुये कहा कि किसी तरह से उत्पीड़ित महिलाओ का नाम फोटो सोशल मीडिया या समाचार पत्रो में प्रकाशित न किया जाय ताकि उसके प्रावेशी का हन्न न हो सकें। बैठक में बताया गया कि कार्यस्थल पर महिलाओ को यौन उत्पीड़न को रोथाम के लिये कानून बनाया गया हैं जिसमें न सिर्फ महिला कर्मचारियो बल्कि ग्राहक, उपभोक्ता, प्रशिक्षु और दैनिक मजदूरी पर कार्यस्थल में प्रवेश करने वाली या तदर्थ क्षमता में काम करने वाली महिलाओ को यह कानून सुरक्षा प्रदान करता है। अगर शिकायत यौन उत्पीड़न प्रमाण प्रकट करती है तो आई0सी0सी0 को सात दिनो के भीतर पुलिस को सूचित करना होगा। जाॅच अवधि के दौरान उत्पीडित महिला छुट्टी ले सकती या स्थानान्तरण करवा सकती है शिकायत समिति को अपनी जाॅच तीन महीने अन्दर पूरी करनी होगी और जिलाधिकारी/नियोक्ता को महीने भीतर कार्यवाही करने प्रावधान है यह भी बताया गया कि पीड़ित महिला या गवाह की पहचान पता प्रकट करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 500 रूपया जुर्माना लगाया जा सकता हैं। यदि बलात्कार की शिकार या बलात्कार पीडित महिला को मुफ्त कानूनी मद्द पाने का पूरा अधिकार हैं। बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती शक्ति त्रिपाठी, जिला महिला अधिकारी श्रीमती मंजू यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश त्रिपाठी के अलावा सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें।

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