Khula Sach
अन्यताज़ा खबरधर्म एवं आस्था

कृष्ण ने गजेंद्र (हाथी) का किया बचाव, धोखा देने वाले के वध करने का सन्देश

– सलिल पांडेय

जब हाथी को ग्राह (मगरमच्छ) ने पकड़ लिया तब कृष्ण ने हाथी को बचाकर ग्राह का वध किया

ऐसा इसलिए किया क्योंकि ग्राह धोखा देने वाला जीव है। बड़े चुपके से आता है और आक्रमण करता है। ग्राह को घड़ियाल भी कहते हैं। घड़ियाली आंसू मुहावरा भी है। यानी जो आंसू तो बहाए लेकिन अहित भी करे।

हाथी विराट-दृष्टि का जीव है। वह जिसे भी देखता है, उसके वास्तविक आकार से चारगुना बड़ा देखता है। यदि 5 फीट का आदमी सामने पड़ेगा तो उसे 20 फीट का आदमी दिखता है। इसलिए वह आक्रामक नहीं होता। आक्रामक सिर्फ मानसिक असंतुलन में ही होता है।

इसलिए धोखा वाला कोई भी है, वह वध के योग्य है

इसी कथा पर आधारित भजन

हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ।
अब तो जीवन हारे प्रभु शरण है तिहारे… हे गोविंद ॥
नीर पीवन हेतु गयो सिन्धु के किनारे
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण ले पछारे
हे गोविन्द हे गोपाल…
चार प्रहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे
हे गोविन्द हे गोपाल…
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो भारे
शंख चक्र गदा पद्म गरुङ ले सिधारे
हे गोविन्द हे गोपाल…
सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे
अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे
हे गोविन्द हे गोपाल…

॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

Related posts

Poem : हम अपनों के बिन अधूरे हैं

Khula Sach

इनरव्हील मिर्जापुर समन्वय में संपन्न  हुई डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन की अधिकारिक यात्रा

Khula Sach

नारी सौंदर्य पर आधारित प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

Khula Sach

Leave a Comment