प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने ‘फोर्ब्स कोरोनागार्ड’ पर व्यापक परीक्षण किया और हवा में एवियन कोरोना वायरस की निष्क्रियता की पुष्टि की
मुंबई : वर्ष 2020 हम सभी के लिए बहुत कठिन रहा है। जिन मुसीबतों का हम सामना कर रहे हैं, उनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी और ना ही इसकी तैयारी की थी। हालाँकि, आवश्यकता सभी आविष्कारों की जननी है। इस तरह के एक नवाचार का जन्म बेंगलुरु के वैज्ञानिक शाइकोकैन के डॉ राजा विजय कुमार के साथ यूरेका फोर्ब्स की साझेदारी के परिणामस्वरूप हुआ था। इस डिवाइस का उत्पादन एवं बिक्री भारत में यूरेका फोर्ब्स द्वारा ब्रांड नेम फोर्ब्स कोरोनागार्ड (शाइकोकैन द्वारा संचालित) के तहत की जाती है। यह नवीन पीएमईई तकनीक भौतिक रूप से वायरस पर होमिंग तंत्र को दर्शाती है और वायरस और मानव कोशिकाओं के बीच सेतु को खत्म करते हुए संक्रामकता को रोकती है।
इस उत्पाद को शुरुआत में अपनाने वालों के लिए उसी की प्रभावकारिता पर भरोसा करते हुए स्पष्ट रूप से विशेषज्ञों से कुछ दावों और समर्थन की आवश्यकता होगी। यूरेका फोर्ब्स ने यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस किया है कि ‘फोर्ब्स कोरोनागार्ड’ की वायु विसंक्रमण दक्षता का परीक्षण एवं प्रमाणन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी द्वारा किया गया है। वायु विसंक्रमण दक्षता का परीक्षण एवियन कोरोनावायरस के खिलाफ आयोजित किया गया था जो सार्स कोव-2 के समान परिवार का है।
आईआईटी गुवाहाटी द्वारा बीएसएल I विनिर्देशों के अनुसार आवास उपकरण द्वारा किए गए प्रयोगों ने साबित कर दिया है कि फोर्ब्स कोरोनागार्ड का परीक्षण कक्ष के भीतर एवियन कोरोनावायरस के निष्क्रिय होने पर एक उल्लेखनीय प्रभाव है। उक्त परीक्षण से प्राप्त रिपोर्ट से फोर्ब्स कोरोनागार्ड की वायु विसंक्रमण दक्षता साबित हुई।
आईआईटी गुवाहाटी ने मानव कोशिकाओं में फोर्ब्स कोरोनागार्ड की सुरक्षा स्थापित करने के लिए एक ‘सेल विषाक्तता अध्ययन’ भी किया। रिपोर्ट ने फोर्ब्स कोरोनागार्ड की गैर-विषाक्त प्रकृति को फिर से निर्णायक रूप से साबित कर दिया है।
परिणामों पर बात करते हुए यूरेका फोर्ब्स के चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफीसर एवं हेड – मार्केटिंग शशांक सिन्हा ने कहा, “यूरेका फोर्ब्स में हमने हमेशा अपने सभी कार्यों के केंद्र में अपने ग्राहकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को बनाए रखा है। हमारे ग्राहक अपने प्रियजनों के जीवन के साथ हम पर भरोसा करते हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उत्पाद उद्योग में सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों द्वारा समर्थित हैं।”
उन्होंने कहा, “विश्व वैज्ञानिक नवाचार के लिए कोई भी नया, विशेष रूप से वैज्ञानिक समुदाय से जांच और सवालों को आकर्षित करने के लिए बाध्य है। यूरेका फोर्ब्स में लगभग 40 वर्षों से हम कभी भी अपने उपभोक्ताओं के लिए ऐसा कुछ नहीं लाएंगे जो पर्याप्त ड्यू डिलिजेंस ने गुजरा हो और जो न सिर्फ प्रभावी हो बल्कि सुरक्षित भी हो। यूरेका फोर्ब्स घरेलू और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों से आवश्यक शोध दस्तावेजों के साथ अपने दावों के प्रति आश्वस्त है ।”
यूरेका फोर्ब्स के फोर्ब्स कोरोनागार्ड को कई अन्य प्रमाणपत्र / अनुमोदन प्राप्त हुए हैं – वाइरीसाइडल एवं डिसइंफेक्शन एफिशिएंसी पर, सेलुलर व्यवहार्यता और विषाक्तता अध्ययन मानव और पशुओं की सुरक्षा की पुष्टि करने के लिए; विद्युत सुरक्षा; ओजोन उत्सर्जन और विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (ईएमआई) और विद्युत चुम्बकीय संगतता (ईएमसी) परीक्षण।
इससे पहले फोर्ब्स कोरोनागार्ड को कॉफ़ेप्रिस से अधिकृत लेबरेटोरियोस डे एस्पेसियलाइडेड्स इनमुनोलॉजिकस एस.ए. डे सी.वी. पर भी परीक्षण किया गया था। इसे इक्वाइन आर्टेराइटिस वायरस के साथ परीक्षण किया था जो कोरोनवायरस के ही क्रम से संबंधित है और उसकी 99.9 फीसदी एटेनुएशन दक्षता की पुष्टि हुई थी।
आईएपीएमओ – एक्वाडायग्नोस्टिक्स (एनएबीएल और डब्ल्यूक्यूए स्वीकृत लैब) ने एमएस2 फेज का परीक्षण किया था जो एक सबसे कठिन बिना आवरण वाला वायरस (ईपीए से एयरोसोल परीक्षण के लिए मंजूर सरोगेट) है और इसने 99.99 फीसदी एटेनुएशन दक्षता की पुष्टि की। आईआईटी गुवाहाटी का अध्ययन एवियन कोरोनावायरस के खिलाफ किया गया था जो एक ही कोरोनवाइरिडे परिवार से संबंधित है और इसकी एटेनुएशन दक्षता 100% तक पाई गई थी।