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यूनिवर्सिटी लिविंग ने स्टडी अब्रॉड बडी लॉन्च किया

मुंबई : उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना अपनी तरह का अनूठा अनुभव हो सकता है, लेकिन यह कभी-कभी स्‍टूडेंट्स के लिए परेशानी भरा हो सकता है क्योंकि इसका हर पहलू नया और अनजाना है। स्‍टूडेंट्स की इसी परेशानी को पहचान कर पुरस्कार विजेता ग्लोबल स्टूडेंट हाउसिंग प्लेटफॉर्म, यूनिवर्सिटी लिविंग, ने एक प्लेटफॉर्म स्टडी अब्रॉड बडी लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म स्‍टूडेंट्स के विदेश में पढ़ने वाले अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्‍टूडेंट्स को विदेश में शिक्षा हासिल करने में आने वाली चुनौतियों का निपटारा करता है और स्‍टूडेंट्स की जरूरतों को पूरा करता है।

विदेश में शिक्षा हासिल करने वाले स्‍टूडेंट्स के सामने आने वाली प्रमुख परेशानियों में उनकी सूचना तक सीमित पहुंच और उचित मार्गदर्शन का न मिलना है। स्टडी अब्रॉड बडी यूनिवर्सिटी लिविंग के समर्पित विशेषज्ञों की टीम की ओर से सावधानी पूर्वक बनाया गया प्लेटफॉर्म है, जो स्‍टूडेंट्स तक सूचना और अहम जानकारी पहुंचाने के लिए पुल का काम करता है। दुनिया भर में फैले हमारे नेटवर्क में 1000 से ज्यादा एजुकेशन कंसलटेंट पार्टनर है। हम दुनिया भर में शिक्षा ग्रहण करने के बेहतरीन अवसरों से स्‍टूडेंट्स को जोड़ने के लिए समर्पित हैं।

एआई पावर्ड स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म को विदेश में शिक्षा हासिल करने के स्टूडेंट्स के सफर में हर कदम में उनकी सहायता के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्लेटफॉर्म से स्‍टूडेंट्स को संपूर्ण समाधान मिलते हैं। इनमें यूनिवर्सिटी और कोर्स शॉर्टलिस्टिंग, अपने भविष्य के सहपाठियों से जुड़ना, वॉट्सएप ग्रुप्स, एआई से लैस सूचना तक पहुंच के अलावा कई अन्य समाधान शामिल हैं।

यूनिवर्सिटी लिविंग के सीईओ और संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने कहा, “हम यूनिवर्सिटी लिविंग के एआई से लैस स्टडी अब्रॉड बडी प्लेटफॉर्म को लॉन्च कर काफी उत्साहित हैं। इसे विदेश में शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एजुकेशन एजेंट्स और यूनिवर्सिटीज के लिए गेम चेंजर हैं। प्रतिभाशाली और विदेश में पढ़ने की योग्यता रखने वाले ज्यादा स्‍टूडेंट्स को आकर्षित कर वह विदेशी यूनिवर्सिटीज में स्‍टूडेंट्स की भर्ती प्रक्रिया की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। हमारा लक्ष्य समय और संसाधन बचाना है। हम सूचना प्रक्रिया को आसान बनाकर स्‍टूडेंट्स को मजबूत बनाते हैं। इससे वह बिना किसी भेदभाव के निर्णय कर सकते हैं। यह नजरिया सक्षम इकोसिस्टम बनाता है।’’

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