गांधीनगर : गुजरात की राजधानी गांधीनगर में गुरुवार को पहली आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (DRRWG) की बैठक शुरू हुई। बैठक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा एवं भारत सरकार के संचार राज्य मंत्री देवसिंह चौहान ने किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में G20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह बैठक 30 मार्च से 1 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी।
बैठक के दौरान जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए प्राकृतिक आपदाओं के बेहतर प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई। साथ ही ग्लोबल साउथ की क्षमता निर्माण पर काम करने की आवश्यकता को भी दोहराया गया। इस दौरान सदस्य देशों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया। ये बैठक आपदाओं के विनाशकारी प्रभाव से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय को एक साथ लाने और भविष्य की राह तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह की बैठक के लिए पांच प्राथमिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिनमें सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी, लचीला बुनियादी ढांचा और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के वित्तपोषण के लिए राष्ट्रीय प्रणाली में सुधार शामिल है।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. पी. के. मिश्रा ने कहा कि भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता में आपदा जोखिम में कमी को उच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने गुजरात में 2001 में आए भूकंप के बाद बने ‘स्मृतिवन भूकंप स्मारक एवं संग्रहालय’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मृतिवन बनाया गया है। इस अवसर पर संचार राज्य मंत्री देवसिंह चौहान ने कहा कि आपदाएं विकास लक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं और प्रगति को बाधित करती हैं। इसे देखते हुए आपदा जोखिम में कमी करना अत्यावश्यक है। बैठक के दौरान जीआईडीएम के महानिदेशक पीके तनेजा ने कहा कि इस बैठक के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह बैठक सभी भाग लेने वाले देशों को आपदाओं के दौरान अपने अनुभवों और सीखों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
पहली आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह की बैठक में ब्राजील ने अपना उद्घाटन भाषण दिया। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के प्रमुख मामी मिज़ुतोरी ने भी अपना संबोधन दिया। बैठक के बाद प्रतिनिधियों को भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक और संग्रहालय की यात्रा के साथ-साथ गुजरात की सांस्कृतिक विरासत और व्यंजनों की झलक देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि G20 अध्यक्षता संभालने के बाद भारत ने आपदा जोखिम में कमी पर एक नई कार्यप्रणाली शुरू करने के लिए आम सहमति बनाकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।