अक्टूबर 2024 तक 1 हजार शहरों को 3 स्टार कचरा मुक्त बनने का लक्ष्य; 2026 तक होंगे परिपूर्ण
नई दिल्ली: माननीय प्रधानमंत्री ने “कचरा मुक्त शहर” (जीएफसी) बनाने के बड़े विजन के साथ स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का शुभारंभ किया, जिससे भारत संपूर्ण स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के ईकोसिस्टम की दिशा में विकास के नए पथ पर आ पहुंचा है। घर-घर से कचरा कलेक्शन, स्रोत पर ही कचरा अलग करना, प्रोसेसिंग के जरिए कचरा खत्म करना और डंपसाइट से कचरे को ट्रीट करना, आईईसी, क्षमता निर्माण, डिजिटल ट्रैकिंग आदि हासिल करना कचरा मुक्त शहर बनाने के घटक हैं। भारत जीरो-वेस्ट अप्रोच को भी बढ़ावा दे रहा है जो एक क्लोज्ड सर्कुलर सिस्टम में रिस्पॉन्सिबल प्रोडक्शन खपत और प्रोडक्ट्स के डिस्पोजल पर जोर देता है।
स्वच्छता अब एक जन आंदोलन है, जिसे नागरिकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। मिशन ने शहरों को स्वच्छ, हरित और कचरा मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर देश भर के लाखों नागरिकों को संगठित किया है। अभियानों में युवा और महिला लीडर्स की काफी एकजुटता देखी गई है, जिन्होंने शहरी स्वच्छता की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है। 7 मार्च को केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा स्वच्छोत्सव 2023 के शुभारंभ के साथ शहरों को कचरा मुक्त बनाने के प्रयासों को एक नई गति मिली। अभियान का उद्देश्य ‘कचरा मुक्त शहरों’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को बढ़ावा देना है। 8 मार्च 2023 से शहरों में कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई है ताकि ‘कचरा मुक्त शहरों’ के निर्माण की दिशा में नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को एक साथ लाया जा सके। स्वच्छोत्सव अभियान शहरी स्वच्छता में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाली 4,00,000 से अधिक महिला उद्यमियों के लिए एक मंच है। इसके तहत अनूठी यात्रा और मशाल मार्च में भाग लेते हुए महिलाओं ने शहरी स्वच्छता की जिम्मेदारी ली और शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए आगे बढ़कर खुद नेतृत्व संभाला।
जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और प्राकृतिक हानि और प्रदूषण के तिहरे संकटों में अपशिष्ट कुप्रबंधन की सबसे बड़ी भूमिका है। इसे स्वीकार करते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अपने 77वें सत्र में इस संकल्प को अपनाया कि, “14 दिसंबर 2022 को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए 2030 एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए जीरो-वेस्ट पहल को बढ़ावा देना है। शहरों में शून्य-अपशिष्ट के लिए इस पहल को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिसमें ध्वनि अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ाना, कचरे को कम करना और रोकना, तिहरे ग्रहीय संकट को दूर करने में मदद करना, पर्यावरण की रक्षा करना, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाना और मानव स्वास्थ्य व कल्याण में सुधार करना शामिल है। जीरो वेस्ट डे का अवसर हमारे ग्रह पर कचरे को कम करने समेत हमारे ग्रह, उसमें रहने वाले लोगों और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य की ओर ले जाने के लिए हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है। यह एक्शन लेने का समय है।
3-सप्ताह का स्वच्छोत्सव अभियान 8 मार्च को शुरू हुआ और इसका समापन अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस: कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली के आयोजन के साथ होगा। केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कार्यक्रम के दौरान खुद भी स्वच्छता दूतों से उनके अनुभवों को साझा किया। उनकी उपस्थिति में महापौरों, आयुक्तों और मिशन निदेशकों की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने कचरा मुक्त शहरों, जीएफसी के लिए महिलाओं और युवाओं, जीएफसी के लिए व्यापार और तकनीक पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में मेयर्स के साथ फायरसाइड चैट भी देखी गई। इसमें बिहार, झारखंड, यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के सर्वश्रेष्ठ प्रयास साझा किए गए।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “भारत स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। 2014 से इस सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में सबसे अच्छी केस स्टडी है। सैकड़ों सर्वोत्तम प्रयासों और हजारों तरीकों से राज्य और शहर इस क्षेत्र में लगातार नए प्रयास कर रहे हैं, एसबीएम-यू ने भारत के शहरी परिदृश्य को बदल दिया है।”
कचरा मुक्त शहरों के लिए जन आंदोलन के बारे में केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि “आज, जैसा कि हम कह रहे हैं कि 2,000 से अधिक शहरों में नागरिक ‘कचरा मुक्त शहरों’ के लिए मार्च निकाल रहे हैं। लाखों नागरिक अपनी सड़कों, मोहल्लों और पार्कों की सफाई में लगे हुए हैं। कचरा मुक्त शहरों के लिए जन आंदोलन अपने चरम पर है। इस क्षेत्र में प्रभावित करने वाली महिलाओं की संस्थाएं, एनजीओ, विश्वसनीय नेता, राजनीतिक नेता और अन्य सभी आज सुबह से मार्च में शामिल हो गए हैं और यह अगले दो दिनों तक जारी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छता यात्रा के बारे में कहा, “स्वयं सहायता समूहों की 300 से अधिक महिला सदस्यों के विभिन्न अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल्स से सीखने, उन्हें देखने और उनकी तलाशने के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में अपने एसएचजी सहयोगियों से मिलने समेत जमीन पर कार्रवाई देखना उत्साहजनक है।”
‘स्टोरीज़ ऑफ़ चेंज’ के संग्रह का शुभारंभ करते हुए मंत्री ने कहा, “प्रत्येक कहानी एक सच्ची कहानी है जिसने जमीनी स्तर पर प्रेरणादायक काम करके दिखाया है। स्वच्छता की दिशा में ये बदलाव लाने वाले आज हमारे साथ यहां मौजूद हैं। उन्होंने प्रदर्शित किया है कि स्वच्छता किसी तरह खुद एक जन आंदोलन है।”
भविष्य के लिए मंत्रालय की योजना पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “जीएफसी के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयासों को प्रोत्साहन देने के लिए हमारा मंत्रालय कचरा मुक्त शहरों के निर्माण की दिशा में यात्रा को गति देने के लिए अगले दो महीनों में पांच क्षेत्रीय बैठकें आयोजित करने जा रहा है। अंततः जून 2023 में ‘दिल्ली डिक्लेयरेशन फॉर गारबेज फ्री सिटी’ में इसका समापन होगा।