✍️ सीमा त्रिपाठी, लालगंज, प्रतापगढ़
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम,
मन अंधियारा दूर करने को
दौड़ भाग के स्कूल पहुंचे हम,
टन टन टन टन घंटी बोली
हम बच्चों को स्कूल बुलाती,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
अनपढ़ मुझको नहीं कहलाना
पढ़ लिखकर है आगे बढ़ना,
साथी संगी को साथ ले जाना
प्रतिदिन हमको स्कूल है जाना,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम,
खेल खिलौने खूब मिलेंगे
जूता मोजा बैग ड्रेस भी मिलेंगे,
फल और दूध भी मिलेंगे
बदल बदल के पकवान मिलेंगे,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
पढ़े लिखे और प्रशिक्षित टीचर
सब बच्चों को करते साक्षर
घर घर जाकर ढूंढ निकाले
स्कूल चलो अभियान सफल बनाएं।
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
“सभी अभिभावकों से अपील है कि वो अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में करावे”