Poem : हरियाली तीज
✍️ प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
हरियाली तीज पर करके,
शिव-गौरी-गणेश की बंदना।।
करके अर्चना शिव गौरी की,
सौभाग्य का आशीर्वाद पाया।।
आयु में वृद्धि हो पति देव की,
तीज का पर्व पर आशीष पाया।।
शिव गोरी गणेश की प्रतिमा बनाकर,
शुद्ध वस्त्र, फूलों का आसन बिछाया।।
व्रत करू दिनभर ईश्वर की लेकर आस,
निर्जल बिताऊ दिन पूरा हो मेरा उपवास।।
कुमारियां भी करती है शिव का पूजन,
मनोहर पति मिलने की आस को लेकर।।
प्रारंभ करें व्रत जो भी एक बार,
छूटे व्रत फिर यह मरणोपरांत।।
करें सुहागन सभी सोलह सिंगार,
सिंदूर-बिंदी-मेंहदी कुमकुम साथ।।
चूड़ी बिछिया, टीका चुनरी पहनें,
मेहंदी-सिंदूर-महावर लगाए पूरा।।
धतूरा बेलपत्र भांग दुर्वादि आदि,
भोले को चढ़ाकर करती है पूजा।।
पार्वती, सती से मांगे आशीष,
सौभाग्य का, अमर सुहाग का।।
श्रद्धा से करके यह साधना पूजा
ईश्वर से करती सभी मंगल कामना।।