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प्रिय मंजू जी : आप मेरी प्रेरणा हो

आपसे ही सीखा मैंने जिंदगी में आगे बढ़ना,
आपसे ही जाना मैंने औरों को समझना,
आपसे ही सीखा मैंने हर गमों में मुस्कुराना,
आपसे ही सीखा मैंने मुश्किलों में हालातों से लड़ना।

कितना भी गम हो आपको देख खुश हो जाती हूं,
जब तक आप नही आती विद्यालय में,
तबतक मेरी निगाहें आपको ही ढूंढा करती हैं,
न जाने किस जन्म का रिश्ता है आपसे जुड़ा,
एक पल भी दूर नहीं रह पाती हूं।

हर महिला के लिए आप एक प्रेरणा हो,
मेरे लिए तो आप मेरी साधना और प्रार्थना हों,
आपसे ही मिली प्रेरणा आपसे ही मिली समर्पण,
आपसे ही मिली मुझे जिंदगी में मेरी दर्पण।

आपसे ही सीखा मैंने बिखर कर और निखारना,
आपसे ही सीखा मैंने जिंदगी में फूलों की तरह खिलना,
आपसे ही सीखा मैंने हर एक रिश्ते पे अटूट विश्वास करना,
क्यूंकि आप मेरी जिंदगी का रौशनी हो, आप मेरी प्रेरणा हो।

 

 

 

मनीषा झा
विरार महाराष्ट्र

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