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Poem : नूतन वर्ष का अभिनंदन

  • अंशिता त्रिपाठी, लंदन

चांदनी मुस्कुराई तुम्हारे लिए,
बांसुरी गुन गुनाई तुम्हारे लिए,
इस नये वर्ष के आगमन पर सखे,
मेरे मन की बधाई तुम्हारे लिए।

चांद बन तुम जियो,
किरण बन तुम जियो,
नेह की इक नूतन छुवन बन जियो,
भावना से भरे इस नये वर्ष पर,
हमारे नयन में तुम सुमन बन जियो।

परिचय बन तुम जियो,
मुकाम बन तुम जियो,
जिंदगी अपनी पूरी सफल बन जियो,
नूतन वर्ष का अभिनंदन करके,
अपने कर्मों का अभिमान बन जियो।

गीत बन तुम जियो,
गजल बन तुम जियो,
अनुपम सृजन का भाव बन जियो,
प्यार की राशि मन में समेटे हुए,
तुम हमारे लिए राशिफल बन जियो।

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