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Mirzapur : विन्ध्य रत्न पं० महेश्वर पति त्रिपाठी के द्वितीय पुण्यतिथि पर दी गई संगीतमय श्रद्धांजलि

रिपोर्ट : आशुतोष गुप्ता

विन्ध्याचल/मीरजापुर, (उ.प्र.) : जनपद के ख्यातिलब्ध कला मनीषी दिवंगत पं महेश्वरपति त्रिपाठी के द्वितीय पुण्यतिथि पर साधना ललित कला प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा विन्ध्याचल स्थित शिवरात्रि अतिथि भवन में बुधवार की सायंकाल सांगीतिक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। प्रिय शिष्य विन्ध्यवासिनी प्रसाद केसरवानी द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही सभा की औपचारिक शुरुआत की गई। नामचीन कला साधकों व संभ्रांत कलाप्रेमियों ने भी उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया, तत्पश्चात संगीत का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।

कार्यक्रम का प्रारम्भ छोटे लाल की शहनाई वादन से हुआ जिनके साथ तबले पर अभिषेक ने सुन्दर संगत किया। तत्पश्चात बलिया से आये उनके शिष्य आशुतोष सिंह ने भाव नृत्य प्रस्तुत किया। उदीयमान कला साधक हार्दिक केसरवानी ने गिटार के साथ “अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं” भजन प्रस्तुत किया जिसे श्रोताओं द्वारा खूब सराहा गया। गायन के क्रम में चंदौली से पधारे हरिशंकर तिवारी ने भोजपुरी में ग़ज़ल “जेके रखी चोराके नज़रिया में हम, उहै हमसे नजरिया चोरावै रहल” प्रस्तुत कर ढेरों तालियां बटोरीं। वाराणसी से आये विख्यात सितार वादक ध्रुव नाथ मिश्र व तबला वादक भोला नाथ मिश्र के शिष्यों सरवोत्तम मिश्र व पुरुषोत्तम मिश्र के जुगलबन्दी ने ऊंचाई प्रदान करते हुये कार्यक्रम को उप शास्त्रीय से शास्त्रीयता की ओर अग्रसर किया। इसके बाद गौरव मिश्र द्वारा गायन, ध्रुव नाथ मिश्र द्वारा सितार, भोला नाथ मिश्र द्वारा तबला वादन के साथ-साथ भाव नृत्य की अनुपम छटा ने लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। प्रिय शिष्यद्वय कार्तिकेय पाण्डेय व मनीष शर्मा ने भाव नृत्य से गुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। भदोही से आये ओंकार नाथ उपाध्याय व रामेश्वर भट्ट ने अपने शास्त्रीय गायन से श्रद्धांजलि अर्पित किया। तबले पर रतन लाल व साजन कुमार ने उम्दा संगत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन दिनेश्वरपति त्रिपाठी ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से कामेश्वरपति त्रिपाठी, रामेश्वरपति त्रिपाठी, कृष्ण चंद्र गुप्त, जगदीश्वर लाल श्रीवास्तव, बेनी माधव मिश्र, विजयबाबू मिश्र, राजकुमार केशरी, मधु मिश्र, शिवशक्ति पांडेय, हनी मिश्र, श्यामसुंदर सिंह, जितेंद्र भट्ट, अखिलेश्वरपति त्रिपाठी, कमलेश्वरपति त्रिपाठी, अशोक त्रिपाठी, रजनीश श्रीवास्तव, अपूर्व त्रिपाठी, अजय गुप्त, सुंदरम उपाध्याय इत्यादि दर्जनों कलाप्रेमी उपस्थित रहे।

संयोजक ओमप्रकाश मिश्र ने आगंतुक कला साधकों व कला प्रेमियों को धन्यवाद व आभार व्यक्त करते हुये सभा समापन की घोषणा की।

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