कारोबारताज़ा खबर

परिवहन का ‘डिजिटल वॉलेट’ के रूप में फास्टैग होगा विकसित: व्हील्सआई

मुंबई : लॉजिस्टिक टेक्नोलॉजी स्टार्टअप व्हील्सआई का विश्वास है कि कुछ सालों में फास्टैग परिवहन के एक ‘डिजिटल वॉलेट’ में विकसित हो जायेगा। मार्केट की प्रतिक्रिया देख कर यह संकेत मिल गए थे कि जल्द ही फास्टैग खातों का उपयोग ट्रैफिक चालान का भुगतान करने, ईंधन खरीदने और टोल कटौती के साथ-साथ जीएसटी रिटर्न फाइल करने के लिए भी किया जा सकता है। वाहन का लोकेशन प्राप्त करना, लोडिंग और अनलोडिंग शुल्क का भुगतान, पार्किंग भुगतान भी फास्टैग के ‘डिजिटल वॉलेट’ से किया जा सकता है।

व्हील्सआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘फास्टैग के सफल होने के लिए जरूरी है कि मालवाहक वाहनों के मालिक फास्टैग पर विश्वास करें और इसे अपनाएँ। कार चालकों के नज़रिये से विकसित फास्टैग को यदि ट्रक मालिकों के नज़रिये से देखा जाए तो फास्टैग हाईवे अर्थव्यवस्था का एकीकरण करने की क्षमता रखता है। फास्टैग के साथ, भारत धीरे-धीरे विश्वस्तरीय परिवहन व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। व्हील्सआई भी फास्टैग के माध्यम से डीज़ल भुगतान की सुविधा और पोस्टपेड फास्टैग की सुविधा दे रही है।”

2012 में गुड़गाँव से देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक टोल शुरू हुआ था। तब फास्टैग को ईटीसी के नाम से टेस्ट किया जा रहा था। उसके बाद साल 2016 तक फास्टैग भारत के 247 टोल प्लाजाओं पर शुरू किया जा चुका था। उस साल चार बैंकों द्वारा करीब एक लाख टैग जारी किए थे। 2017 में 7 लाख और 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी किए गए। आज २ करोड़ से भी अधिक फास्टैग चलन में हैं और 15 फरवरी से सभी वाहनों के लिए फास्टैग पूर्ण रूप से अनिवार्य कर दिया जायेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »