– सरिता त्रिपाठी
शुरू हो गया आज एक और साल है,
पहला है दिन जो आज शुक्रवार है।
नया क्या संकल्प सब लेने को तैयार है,
बिन संकल्प के कैसा नया साल है,
सूर्योदय का रहता सबको इंतज़ार है,
सूर्य के उदय से देखो बदला आज साल है,
शुरू हो गया आज एक और साल है।
नयी नयी उमंगो से भरा सारा संसार है,
एक दूजे को देते देखो सब प्यार हैं,
उम्मीदों से जगमग सबका घर बार है,
जिधर देखो उधर ईश्वर की पुकार है,
शुरू हो गया आज एक और साल है।
पिछले साल की सीख अब साथ है,
इक्कीस से मिला कर रखना हाथ है,
पर दूरियाँ आपस में रखना बरकरार है,
वही तो कोरोना का अच्छा उपचार है,
शुरू हो गया आज एक और साल है।