जिले में है मौजूद 2738 टीबी रोगी
रिपोर्ट : संदीप श्रीवास्तव
मीरजापुर, (उ.प्र.) : विभाग ने 2025 तक जिले व प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में टीबी रोग पर नियन्त्रण रखने के लिए बराबर विभाग ने तरह-तरह के प्रयास किये हैं। रोग का पता जल्दी चले सके और उतनी ही जल्दी उसका इलाज किया जा सके। इसलिए जिले में तीन टू-नाट मशीन लगाये गई है।
जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संन्ध्या गुप्ता ने बताया कि इन तीन मशीनों को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजगढ़, चुनार व कछवां में विभाग द्वारा लगाया है। इन मशीनों की खासियत यह है कि यह केवल मात्र ढाई घण्टे में ही रिपोर्ट रोगी को मिल जायेगी। इन मशीनों को लग जाने से अब टीबी रोगी के इलाज में गति प्रदान की गई है। अब जिस दिन सैम्पल लिया जायेगा उसी दिन टीबी रोगी को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी और उनका तुरन्त इलाज शुरू हो जायेगा। इन तीनों केन्द्रों पर टीबी विभाग के एलटी कर्मियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1 अप्रैल 2020 से 21 दिसम्बर तक जिले में 2738 टीबी रोगी पाये गये है। जिन पर विभाग द्वारा 2164500/ रूपये का भुगतान किया जा चुका है।
डाटा इन्ट्री आपरेटर अवनीश दूबे ने बताया कि विभाग द्वारा मरीजों के भुगतान हेतु डीएससी प्रणाली लागू नये वर्ष में लागू करने जा रही है। जिससे मरीजों को भुगतान के लिए भटकना नही पड़ेगा। इस सिस्टम के लागू हो जाने से विभाग द्वारा अब मरीजों के खाते में विभाग द्वारा सीधे भुगतान किया जा सकेगा।
कैसे फैलता है टीबी रोग
परामर्शदाता अखिलेश पाण्डेय ने बताया कि टीबी एक धातक संक्रामक रोग है। जो कि माइक्रोबैक्टीरियम टयूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होता है। टीबी आमतौर पर फेंफड़ों को प्रभावित करता है। लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यह रोग हवा के माध्यम से भी फैलता है। जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छीकता व बोलता है तो उसके साथ संक्रामक डपलेट न्यूक्लिआई उत्पन्न होता है जो कि हवा के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को सक्रामित कर सकता है। इसलिए सक्रिय टीबी के मरीज को अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाकर ही बात करना चाहिए इसके अलावा मुंह पर हाथ रखकर ही खासना या छींकना चाहिए