हे मेरे प्रभु राम
कैसे रहूं हे प्रभु राम तेरे बिना,
कैसे सोचूं प्रभु राम तेरे बिना,
चलूं भी तो कैसे चलूं तेरे साथ बिना,
अब तूही बता प्रभु कैसे जिऊ अब तेरे बिना,
हे मेरे प्रभु राम
धनुष तोड़ सिया वर बने प्रभु,
अयोध्या का सम्मान बढ़ाया,
एक वचन के खातिर तूने,
छोड़ सिंहासन वन को गमन किया,
हे मेरे प्रभु राम
गिरते हुए को उठाया तूने भगवन,
रावण का संहार किया भगवन,
लंका पे विजय पाकर तूने,
मां सीता का विश्वास जिताया।।
हे मेरे प्रभु राम
तूने जो रहमतों का बारिश किया सब पे,
एक अबला को सबला बनाया तूने भगवन,
धूप में छाया बनके साथ दिया तूने,
जब जब पुकारें कोई दौड़ चला आया भगवन।।
हे मेरे प्रभु राम
हर एक मेरे सपनों को पूरा किया,
उम्मीद से ज्यादा तूने खुशियां दिया,
कभी आखों से मेरे आंसू गिरने न दिया,
हर पल खुशियां की तूने सौगात दिया।।
हे मेरे प्रभु राम
आपके नाम लेने से मिट जाता है सारा पाप,
जीवन के पालनहार आप ही हैं मोक्ष के द्वार,
आपके नाम से बड़ा नहीं कोई नाम,
आप ही कहलाते मर्यादा पुरुषोत्तम मेरे प्रभु राम।।
मनीषा झा
विरार महाराष्ट्र