महिलाओं की अगुवाई वाले क्लाईमेट एक्शन को आगे बढ़ाने के लिए पहल
मुंबई : भारत सन 2070 तक स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों और नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए हरित विकास का निर्माण करने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है। क्लाइमेट में महिलाओं की आवाज़ और दृष्टिकोण के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का प्रयास करती एक कम्युनिटी, वीमेन क्लाइमेट कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) की आज शुरुआतकी गई। 10 अलग-अलग संगठनों के सहयोग और 16 क्लाइमेट चैंपियंस के साथ, इस पहल का मकसद महिलाओं को अपनी आवाज़ उठाने और जलवायु से संबंधित बातचीत में भागीदारी करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे अधिक न्यायसंगत परिणाम सुनिश्चित करने व समाधान का हिस्सा बनने के लिए उन्हें सशक्त बनाया जा सके। डब्ल्यूसीसी की 16 क्लाइमेट चैंपियंस, जमीन से जुड़ी हुई क्लाइमेट स्टोरीटेलिंग, क्लीन एयर सॉल्यूशंस, हरित आर्किटेक्चर, समुद्री संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, जलवायु प्रशासन और कृषि जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं।
जहां एक तरफ जलवायु परिवर्तन के असर से सभी अच्छी तरह परिचित हैं, महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में शायद ही कभी बात की जाती है। महिलाओं को इससे काफी खतरा है, और वीमेन क्लाइमेट चैंपियंस की आवाज के जरिए लैंगिक प्रभावों के साथ-साथ उसके समाधान के बारे में जागरूकता पैदा करने से भारतीय जलवायु पारिस्थितिकी तंत्र अधिक प्रतिनिधित्वकारक और उत्तरदायी बन जाएगा, खास तौर पर जो सबसे अधिक असुरक्षित है।
वीमेन क्लाइमेट कलेक्टिव का मानना है कि जब महिलाओं के पास दमदार आवाज है, तो उनमें अधिक दीर्घकालिक और अधिक समावेशी दुनिया बनाने की क्षमता है। इस अभियान का प्रयास भारत में जलवायु संकट से निपटने वाली महिलाओं की प्रेरक कहानियों को आगे बढ़ाना, और इसे लैंगिक और जलवायु में रुचि रखने वाली महिलाओं के एक कौशल से परिपूर्ण मददगार समुदाय के साथ जोड़ना, महिलाओं के प्रतिनिधित्व वाले क्लाइमेट एक्शन को बेहद जरूरी प्रोत्साहन दे सकता है।