✍️ कमल राठौर साहिल, श्योपुर, (म.प्र.)
सड़क पार करते समय आमतौर पर हम सभी अपने एक हाथ के इशारे का उपयोग करते हैं। अपने हाथों की पांचों उंगलियां तेज गति से आते वाहन की तरफ करके हम सभी अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। बिना यह जाने पहचाने कि सामने वाले की गति क्या है। वह अपनी गाड़ी कंट्रोल भी कर पाएगा या नहीं, हम अपने हाथ का इशारा करके यह समझते हैं कि हमारे पास सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र है। एक बार इशारा कर दिया तो कोई भी, किसी भी गति से आ रहा हो…. एकदम से हमें देखकर रुक जाएगा , वहीं पर जाम हो जाएगा। यह हमारी सबसे बड़ी भूल है।
आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं। इनमें कुछ हिस्सा ऐसे ब्रह्मास्तत्रो के द्वारा इशारा किए हाथों का भी होता है । कभी-कभी ऐसे ब्रह्मास्त्र का उपयोग हमारे लिए दुखदाई साबित होता है। और सामने वाले की जान पर भी आफत आ जाती है। छोटे शहरों और गांव के मध्यम वर्ग के लोग इसका प्रयोग ज्यादा करते हैं। वह समझते हैं एक बार हाथ का इशारा किया तो हम सुरक्षित हैं। हम सबको जागरूक बनना होगा , सड़क पार करते समय अगल बगल में तसल्ली से देखकर रोड पार करना चाहिए ना कि एक हाथ का इशारा करके, आंख बंद करके रोड पार करना चाहिए। हाथ से रोकने का इशारा तभी करना चाहिए जब कोई गाड़ी सामान्य गति से आ रही हो। अगर कोई गाड़ी तेज गति से आ रही है तो यह नुस्खा नाकाम हो जाता है। और हमारी जान पर बन आती है। तो सामने वाले को भी नुकसान उठाना पड़ता है। हमें महामानव ना बनकर आम पब्लिक की तरह सड़क पार करते समय सावधानी रखनी चाहिए यह ब्रह्मास्त्र हर समय कारगर साबित नहीं होता है।