वाराणसी : आज पूरी दुनिया इंटरनेट एडिक्शन से परेशान है लगभग 8% विश्व की जनसंख्या इंटरनेट एडिक्शन चपेट में है भारत भी इससे अछूता नहीं है। युवा सबसे अधिक इंटरनेट एडिक्शन के गिरफ्त में आ रहें हैं। इंटरनेट एडिक्शन से अनेक शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं हो रही है। विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है जबकि आम लोग अपने कार्य में ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 12 अक्टूबर को *इंटरनेट एडिक्शन एवं मानसिक स्वास्थ्य विषयक एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार* का आयोजन किया गया है उक्त बातें राष्ट्रीय सेमिनार के वरिष्ठ संरक्षक एवं संस्थापक अध्यक्ष नई सुबह संस्था के डाँ अजय तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।
राष्ट्रीय सेमिनार के कन्वेनर डॉ वेद प्रकाश मनोविज्ञान विभाग, वसंता कॉलेज फॉर वूमेन वाराणसी ने बताया कि इस सेमिनार में इंटरनेट एडिक्शन एवं मानसिक स्वास्थ्य पर दो दर्जन से अधिक पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे, जिसमें इंटरनेट एडिक्शन के कारण, प्रभाव एवं बचाव के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा किया जाएगा जिससे इंटरनेट एडिक्शन के दर को कम करने में मदद मिलेगी। देश भर से आए शोध पत्रों में से सर्वोत्तम शोध पत्र को बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय सेमिनार के मीडिया प्रभारी डॉ मनोज तिवारी ने बताया कि सेमिनार में दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा व उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शोधार्थी तथा छात्र- छात्राएं, शिक्षक, समाजिक कार्यकर्ता, मनोवैज्ञानिक शामिल होंगे, उन्होंने यह भी बताया कि आयोजन समिति पूरे वर्ष भर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु कार्यक्रम तैयार कर रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से डॉ गरिमा गुप्ता, ज्योत्सना सिंह, कृष्णा व्यास, अर्पित मिश्रा, अनुराग तिवारी, डॉ आदित्य उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज तिवारी तथा अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजय तिवारी ने किया।