मुंबई : ऐसा लग सकता है कि केंद्रीय बजट बहुत दूर की एक राष्ट्रीय स्तर की घटना है, जो आपके फाइनेंस को प्रभावित नहीं करता है – तो ऐसे में राष्ट्रीय बजट घोषणाओं को सुनने और उनका विश्लेषण करने में समय बर्बाद करने के बजाय कुछ उत्पादक काम क्यों नहीं कर लेते हैं? बजट समग्र रूप से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से संबंधित होता है, पर बजट के कई घटक होते हैं जो आपकी फाइनेंशियल लाइफ को बड़े स्तर पर प्रभावित करते हैं और हो सकता है कि आपको इसके बारे में पता ही नहीं हो।
वास्तव में, यूनियन बजट कुछ प्रमुख समाचार लाता है जो आने वाले वर्ष के दौरान वित्तीय निर्णयों को परिभाषित करने में आपकी मदद कर सकता है। एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट-डीवीपी ज्योति रॉय यहाँ 5 प्रमुख घोषणाओं के बारे में बता रहें हैं जिन पर बजट के दिन आपको ध्यान देना चाहिए।
〉〉 आयकर स्लैब्स : अगर आप एक ऐसे नागरिक हैं जो कमाई करते हैं तो आपको पता ही होगा कि आप जितना कमाते हैं उस पर आपको आयकर देना होता है। जब बजट की घोषणा की जाती है, तो सरकार नए आयकर स्लैब भी जारी करती है जो मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती हैं। हालांकि, ये नए टैक्सेशन नियम आपके लिए हमेशा फायदेमंद नहीं हो सकते हैं, लेकिन यह जानना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है कि नए टैक्स नियम आपकी आय, आपकी बचत और इसके परिणामस्वरूप, आने वाले वर्ष में आपके धन का प्रबंधन कैसे करेंगे।
पिछले बजट में सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की। इसमें 3 कर स्लैब होंगे, जहां पहले से लागू डिडक्शन का कोई मतलब नहीं रहेगा। यह योजना कुछ करदाताओं के लिए लाभकारी थी, पर जो लोग सालभर में 15 लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे थे, उन्हें नए स्लैब का कोई लाभ नहीं मिला। आने वाले वर्ष में, टैक्स स्लैब विश्लेषकों के अनुसार कोई प्रमुख संशोधन नहीं होने वाला।
〉〉 निवेश को आकर्षक बनाने के लिए प्रोत्साहन : वर्तमान में सरकार आम नागरिकों को धारा 80सी के तहत सालाना चुनिंदा प्रावधानों के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर कर बचत की पेशकश करती है ताकि लोग पैसा लगाने को प्रोत्साहित हो सकें। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि आगामी बजट में यह सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जा सकती है, जिसकी सिफारिश गैर-सरकारी संस्थाओं ने भी की है।
निवेश में वृद्धि से कुल मांग में शॉर्ट-टर्म वृद्धि हो सकती है – जो आगामी बजट में सरकार के खर्च बढ़ाने के रुख को देखते हुए सकारात्मक प्रोत्साहन के रूप में कार्य कर सकता है। यदि यह सिफारिश की जाती है तो बाजारों में पूंजीगत वृद्धि देखी जाएगी, जिससे 2020 की महामारी के कारण मंदी के बाद कुछ आर्थिक स्टिमुलस पैदा होगी। इसके अलावा- यह आपके लिए एक अच्छी खबर होगी, क्योंकि धारा 80सी के तहत बढ़ी हुई छूट का मतलब होगा कि अब आपको अपने लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों के लिए बचत पर पुरस्कार मिलेगा।
〉〉 क्या आपने ‘अफोर्डेबल हाउसिंग’ के बारे में सुना है? : वार्षिक बजट के लिए कई सिफारिशों ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने की बात की है- भारत इंक इसके लिए पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अधिक प्रोत्साहन देख सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि होम लोन की दरों में कुछ राहत मिल सकती है, और होम लोन के रीपेमेंट पर हायर टैक्स रिबेट प्रदान की जा सकती है।
वर्तमान में, आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत, जिस संपत्ति पर आप निवास करते हैं, उस पर होम लोन चुकाने के लिए टैक्स में छूट 2 लाख रुपए की है। वैचारिक नेताओं ने इस सीमा को बढ़ाकर कम से कम 4 लाख रुपए तक ले जाने की सिफारिश की है – यह न केवल रियल एस्टेट बाजारों में पूंजी बढ़ाएगा- आवास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में भी मददगार होगा बल्कि आने वाले वर्ष में नया घर खरीदना भी आसान बना सकता है।
〉〉 आपकी हेल्थ पॉलिसी का क्या होगा? : महामारी ने स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। हालांकि, सरकार ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन पर्सनल हेल्थ संबंधी फाइनेंस को लेकर बहुत कुछ नहीं बदला गया है। पिछले बजट में, देश में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए मेडटेक उपकरणों की बिक्री पर नया स्वास्थ्य उपकर पेश किया गया था।
इस वर्ष, यह संभव है कि आप धारा 80 डी के तहत दी जाने वाली मेडिक्लेम प्रीमियम सीमा में वृद्धि देखेंगे। वर्तमान में 25,000 रुपए तक की छूट मिलती है, जबकि विश्लेषकों ने इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपए करने की सलाह दी है। यह आपके स्वास्थ्य संबंधी खर्चों पर और अधिक कर लगाए बिना बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगा।
〉〉 निवेश पर ज्यादा जोर : निवेश को प्रोत्साहित करने की सिफारिश से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को कई तरह से लाभ मिल सकता है। इसी समय, इसे विनिवेश लक्ष्यों को पूरा करने और घाटे की खाई को पाटने के लिए खुदरा निवेशक इस वर्ष आईपीओ के माध्यम से पेश किए जा सकने वाले सार्वजनिक उपक्रमों पर नज़र रखने से भी लाभान्वित हो सकते हैं। वास्तव में, इस वर्ष सार्वजनिक होने वाला पहला सार्वजनिक उपक्रम आईएफआरसी था।
भारतीय शेयर बाजार के इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ में से एक के तौर पर पेश किए जा रहे बड़े एलआईसी कॉर्प के बारे में अफवाहें पहले से ही इंटरनेट पर देखी जा सकती हैं। हालांकि इस आईपीओ की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन निवेशकों को इन पेशकशों को अपने रडार में रखकर लिस्टिंग के दिन जीतने और लंबी अवधि के मूल्य को देखने के कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं।
निवेश से संबंधित एक और सिफारिश लाभांश पर है – पिछले साल, लाभांश के माध्यम से मुनाफे की कर देयता को प्राप्त करने वाले पक्ष पर शिफ्ट कर दिया गया था। विश्लेषकों ने लाभांश वितरण कर (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स) को पूरी तरह से समाप्त करने का सुझाव दिया है – यदि ऐसा होता है, तो बाजार में आगामी वित्तीय वर्ष में लाभांश की वापसी होगी।
तो ये हैं कुछ प्रमुख घोषणाएं, जिन्हें आपको बजट के दिन की तैयारी करते समय देखना चाहिए। जैसा कि आपने पहले भी देखा होगा – एक शीर्ष-स्तरीय नियोजन अनिवार्य होने के बावजूद, केंद्रीय बजट आपको उस संदर्भ को समझने में मदद कर सकता है जिसमें आपके फाइनेंसेस समय के साथ आकार लेते हैं। इसी वजह से हमारी सिफारिश हैं कि आप इस पर नजर रखना न भूलें- #बजटकामतलब को डीकोड करने के हमारे प्रयासों में शामिल हों, और नए बजट पर हमारा पक्ष देखना न भूलें।
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