रिपोर्ट : संस्कार सिंह
मीरजापुर, (उ.प्र.) : स्थानीय राजगढ़ क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए सारी कवायद कुंद हो चुकी है। सरकार द्वारा पुलिस, वन, खनन और राजस्व विभाग को तालमेल बनाकर प्रभावी अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया है लेकिन, जिम्मेदार एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी थोपकर अधिकारी अवैध खनन रोकने से किनारा कस ले रहे हैं।
गौरतलब हो कि सुकृत व चुनार वनप्रभाग का सेमरी, सरसों, शक्तेशगढ़ वन क्षेत्र आता है। दाेनाे क्षेत्रों में कहीं पर गिट्टी, बोल्डर के लीज नहीं है। लेकिन दाेनाे ही क्षेत्रों में पहाड़ों में पर्याप्त मात्रा में बोल्डर, पटिया, गिट्टी मौजूद है। ऐसे में खनन माफिया दिन-रात पहाड़ों को उजाड़ने में लगे हुए हैं। क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में अवैध खनन कर जहां गिट्टी, बोल्डर का उपयोग हो रहा है वहीं बाहर भी भेजा जा रहा है। खनन माफियाओं द्वारा वाहन से गिट्टी बोल्डर को सुरक्षित स्थानों पर एकत्रित कर हाइवा, डंपर और ट्रकों से बाहर भेजा जा रहा है। इसकी जानकारी संबंधित विभागों को बखूबी है लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं करना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी पकड़े जाने पर विभागों द्वारा खनन रोकने की जिम्मेदारी एक दूसरे के ऊपर मढ़कर कार्रवाई से पल्ला झाड़ लिया जाता है। गौरतलब हो कि पुलिस सेवा 112 डायल भी अक्सर अवैध खनन वाले स्थानों पर भ्रमण करती रहती है। क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
इस संबंध में सर्वेयर मनोज यादव ने बताया कि इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। पूछा गया कि क्षेत्र में कितने लीज खनन हैं तो उन्होंने चुप्पी धारण कर ली। मड़िहान एसडीएम रोशनी यादव ने बताया कि जांच कराया जाएगा, क्षेत्र में यदि कहीं अवैध खनन पाया जाता है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की भनक लगते ही राजगढ़ चौकी प्रभारी रमाशंकर यादव अपने हमराह के साथ खनन क्षेत्र में गए, उन्होंने बताया कि जांच के दौरान कोई श्रमिक नहीं पाया गया, पर क्षेत्र को देखने से प्रतीत होता है कि वहां खनन हुआ है। स्थानीय पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।