कविता
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कविता : चलना ही जीवन है
– अर्चना त्यागी चलना ही जीवन है क्या हुआ जो कश्तियां न मिली किनारे हमसे दूर हो गए। चाहा तो…
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कविता : “सच्ची तस्वीर “
– इन्दु सिन्हा “इन्दु” सहमी हुई आँखों से, विवश होकर, क्यो देख रहे हो मेरे लाल, पत्थर तोड़ तोड़ कर,…
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कविता : ” जन्मदिन “
जन्मदिन तो साल में सबका एक बार ही आता है पर सीमा पर खड़े जवानों का कौन जन्मदिन मनाता है…
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कविता : ” राही चला चल “
– प्रतिभा दुबे अपने ही पथ पर चला चल ए राही रुक मत ना देख कहीं, संभल के जरा सा…
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